बेंगलुरू: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को कर्नाटक के चुनावी दौरे पर पहुंचे। राहुल का यह दो महीने में पांचवां दौरा है। उन्होंने चुनावी कैंपेन की शुरुआत शिमोगा से की। इसे भाजपा सीएम उम्मीदवार येदियुरप्पा का गढ़ माना जाता है। राहुल ने यहां रैली में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी येदियुरप्पा जैसे भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा दे रहे हैं।
मोदी जी सोचते हैं कि इस देश को आगे बढ़ाने का तरीका नफरत, गुस्सा, लड़ाई है। पर ये देश नफरत के साथ कभी आगे नहीं बढ़ सकता है। रोहित वेमुला की हत्या होती है, गुजरात में दलितों की पिटाई होती है, एसटी/एससी एक्ट को रद्द कर दिया जाता है, पर मोदी जी एक शब्द नहीं बोलते हैं। राहुल बुधवार को तुमकुरू जिले में सिद्धगंगा मठ जाएंगे। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह राज्य में कागीनेले में ओबीसी कन्वेंशन में शामिल हुए। इसके अलावा बादामी में शिवयोगी मंदिर भी पहुंचे।
राज्य में 13% मुस्लिम और 85% हिंदू वोटर-
राज्य में 224 में से करीब 200 सीटों पर हिंदू वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। राहुल गांधी अब तक राज्य में 15 बार मंदिर और मठ, तीन बार दरगाह और एक बार चर्च जा चुके हैं। अमित शाह भी तुमकुरु स्थित लिंगायतों के सबसे बड़े मठ सिद्धगंगा पहुंचे थे।
राज्य में समुदाय वोटरों की कितनी आबादी-
लिंगायत: कर्नाटक में 17 से 18% आबादी लिंगायत समुदाय की है। इनका 100 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है। 224 में से 52 विधायक इसी समुदाय से हैं। इन्हें भाजपा का वोटबैंक माना जाता है। पर इस बार सिद्धरमैया ने लिंगायतों को अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा देने का प्रस्ताव पास कर भाजपा के लिए चुनौती खड़ी कर दी है।
वोकालिगा: राज्य में वोकालिगा की आबादी 12% है। इनका 80 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है। पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा इसी समुदाय से हैं। उनकी पार्टी जेडीएस का इन पर काफी प्रभाव है। इस समुदाय से राज्य में 6 सीएम हुए हैं। अमित शाह, अनंत कुमार, सदानंद गौड़ा वोकालिगा के चुनचुनगिरी मठ भी जा चुके हैं।
कुरबा: तीसरा प्रमुख मठ कुरबा समुदाय से जुड़ा है। राज्य में कुरबा आबादी 8% है। इसका मुख्य मठ श्रीगैरे, दावणगेरे में है। सीएम सिद्दारमैया इसी समुदाय से हैं। उनके वोट बैंक अहिंदा (अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग, दलित) को तोड़ने की कवायद में अमित शाह चित्रदुर्ग में दलित मठ शरना मधरा गुरु पीठ गए थे।
34 साल से मठों का राज्य की राजनीति में दखल
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले यहां मंदिर और मठों में नेताओं की भीड़ लगी है। राज्य के 30 जिलों में 600 से ज्यादा मठ हैं। राज्य में लिंगायत समुदाय के 400 मठ, वोकालिगा समुदाय के 150 मठ और कुरबा समुदाय के 80 से ज्यादा मठ हैं। इन तीन समुदायों के राज्य में करीब 38% वोटर हैं और वे किसी भी पार्टी की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसीलिए चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस इन्हें साधने में लगी हैं। राहुल गांधी अब तक 15 बार और अमित शाह 5 से ज्यादा बार मंदिर और मठ जा चुके हैं। कर्नाटक की राजनीति में मठों का दबदबा 1983 से बढ़ा है।
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