छत्तीसगढ़ के कांकेर में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। कोयलीबेड़ा में 80 वर्षीय महादेव मंडल का शव शनिवार को फांसी पर लटका मिला। जिसके बाद उसके परिजनों ने बांदे थाना को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर जाकर अस्पताल ले जाने का फरमाया सुनाया।
मृतक के बेटे ने बताया इसके बाद गांव वे बांदे उप स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे परन्तु उन्हें वहां शव वाहन न मिल सका। जब कहीं से मदद नहीं मिली तो उसके बाद शव को बाइक में लादकर 20 किलोमीटर दूर बांदे अस्पताल पहुंचा। जहां पर रविवार को मृतक का पोस्टमार्टम किया गया।
घटना बांदे थाना क्षेत्र के परलकोट विलेज 106 की है। इस घटना पर कांकेर के स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ का कहना है कि फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले का शव पोस्टमार्टम के लिये लाना पुलिस की जिम्मेदरी है। वहीं पखांजूर के एसडीओपी का कहना है कि रात को रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। नक्सल इलाका होने के कारण शव को सुबह लाया जाता परन्तु उससे पहले ही वे खुद बाइक में शव लेकर पहुंच गये।
सूत्रों से खबर तो ये भी मिली है कि छत्तीसगढ़ के केबिनेट मंत्री अजय चंन्द्राकर जब सुबह मोर्निंग वॉक पर जाते है तो उनके पीछे गाडियों का काफिला पुलिस के अधिकारी रेंगते हुये चलते है तो दूसरी तरफ एक बेटा जिसके अस्सी वर्षीय पिता ने आत्महत्या कर ली। उनके शव को मोटरसाइकिल पर बांध कर पोस्टमार्टम करने ले जाने पर मजबूर है। अभी कुछ दिन ही हुए हैं जब एक पिता अपने नवजात बच्चे का शव झोले में रखकर घर जाने को बेबस हुआ था।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीने पहले हॉस्पिटल से एंबुलेंस ना मिलने और शव को अपने कंधे पर ढोकर लाने वाले ओडिशा के दाना मांझी की तस्वीरों ने खबरों और सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया था। फिलहाल ये मामला तो शांत हो गया लेकिन ऐसा ही केस अब तेलंगाना के हैदराबाद से आया है जहां एक पति को अपनी पत्नी की लाश एंबुलेंस ना मिलने की वजह से 80 KM तक घसीटनी पड़ी।
इसके बाद पास के गांव के कुछ लोगों की नज़र रामुलु पर पड़ी और उन्होंने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद इलाके के ही एक वकील रमेश कुमार और पुलिस ने एंबुलेंस की व्यवस्था कर रामुलु की पत्नी लाश को घर तक पहुंचाया।
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ऐसे कई मामले है लेकिन प्रशासन नाकाम-
- इससे पहले ओडिशा के कालाहांडी में सिर से शर्म से झुका देने वाला मामला सामने आया था। कालाहांडी के रहने वाले दाना मांझी को अस्पताल ने एंबुलेंस या मोर्चरी वैन देने से इनकार कर दिया जिसके बाद उसे अपनी बीवी की लाश को कंधे पर लादकर 10 किलोमीटर तक ले जाना पड़ा था। बता दें कि जब ये व्यक्ति लाश ले जा रहा था तब उसके साथ उसकी 12 साल की बेटी भी थी।
- बालासोर में भी अस्पताल सेे मोर्चरी वैन न मिलने पर रेलवे पुलिस ने महिला के मृत शरीर की हड्डियां तोडक़र, उसकी पोटली बनाकर बांस के डंडे के जरिये मजदूरों के जरिये उसे ढोकर स्टेशन पहुंचाया गया।