क्षेत्र की सुख स्मृद्धि व खुशहाली की कामना को लेकर श्रीमद्भागवत कथा आयोजित

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हनुमानगढ़। जंक्शन के वार्ड नम्बर 03 स्थित श्री जीण माता मन्दिर प्रागंण में क्षेत्र की सुख स्मृद्धि व खुशहाली की कामना को लेकर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पाचवें दिन भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का वर्णन सुनाया। कथा का वाचन करते हुए वृद्धावन से पधान गोपाल शास्त्री ने कहा कि भगवान कृष्ण के पैदा होने के बाद कंस उसको मौत के घाट उतारने के लिए अपनी राज्य की सर्वाधिक बलवान राक्षसी पूतना को भेजता है। पूतना वेश बदलकर भगवान श्रीकृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण उसको मौत के घाट उतार देते हैं। उसके बाद कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए पूजन का कार्यक्रम करने की तैयारी करते हैं।
भगवान कृष्ण द्वारा उनको भगवान इंद्र की पूजन करने से मना करते हुए गोवर्धन महाराज की पूजन करने की बात कहते हैं। इंद्र भगवान उन बातों को सुनकर क्रोधित हो जाते हैं।
वह अपने क्रोध से भारी वर्षा करते हैं। जिसको देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं। भारी वर्षा को देख भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर पूरे नगरवासियों को पर्वत को नीचे बुला लेते हैं। जिससे हार कर इंद्र एक सप्ताह के बाद वर्षा को बंद कर देते हैं। जिसके बाद ब्रज में भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन महाराज के जयकारे लगाने लगते हैं। मौके पर भगवान को छप्पन भोग लगाया गया। आयोजन समिति सदस्य रामचन्द्र मीणा व मनोज बड़सीवाल ने बताया कि 29 अप्रैल से प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से श्री मद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। उन्होने बताया कि कथा का समापन 06 मई को हवन यज्ञ में पूर्णाहुति के साथ होगा, जिसके पश्चात विशाल भण्डारा लगाया जायेगा। उन्होने समस्त धर्मप्रेमी जनता से उक्त कथा में भाग लेकर धर्मलाभ कमाने की अपील की।
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