नगर भ्रमण कर गगनचुंबी जय करो के साथ जल में झूले श्री चारभुजा नाथ

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शाहपुरा शाहपुरा जिला मुख्यालय पर जिला बनने के पश्चात पहली जलझूलनी एकादशी महोत्सव परंपरागत धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार राजसीठाठ एवं श्रद्धा भक्ति के अनुसार 23 मंदिरों के भगवान एक कतार में नगर भ्रमण कर पिवणीया तालाब पहुंचे जहां विधि विधान से पूजा कर भगवान को जल में झूल कर महा आरती का आयोजन किया गयाण्जा

नकारी के अनुसार पुजारी गोपाल रविंद्र चंदू पाराशर ने बताया कि धर्म और बलिदान की नगरी शाहपुर में जीवंत झांकियां उज्जैन का शिव तांडव वृंदावन का राधा कृष्ण नृत्य हनुमान जी एवं कालका माता की जीवित झाकियों अखाड़ा एवं करतबो सार्वजनिक संस्कृतीक प्रदर्शन के साथ गाजे बाजे के साथ-साथ शोभा यात्रा मंदिरों और बाजारों को भगवा पताका फूल बंगला झांकी एवं आकर्षक विद्युत साज से श्रृंगारित कर हजारों श्रद्धालु और भक्तों के साथ गगनचुंबी जयकारों के मध्य गुलाब के फूलों की वर्षा सुगंधित इत्र मंगल गीत भजन गाजे बाजे के साथ नाचते गाते हुए राजसीठाठ एवं मेवाड़ी परंपरा के अनुसार नगर के मंदिरों के भगवान श्री चारभुजा नाथ भगवान के नेतृत्व में चांदी के बेवाण में विराजित होकर बड़ा मंदिर रूप जी का मंदिर महलों के लक्ष्मीनाथ मंदिर जगदीश भगवान मंदिर गोवर्धन नाथ मंदिर गोविंद देव भगवान मंदिर मथुरा देश भगवान मंदिर श्री श्री जी भगवान मंदिर श्री राम मंदिर भगवान गोरी बिहारी जी मंदिर भगवान मुरलीधर जी मंदिर भगवान छैल बिहारी मंदिर सत्यनारायण भगवान मंदिर लक्ष्मी नारायण भगवान मंदिर वेंकटेश भगवान मंदिर केशव राव भगवान मंदिर रघुनाथ भगवान मंदिर लखारा मंदिर दर्जियों का मंदिर छिपा रघुनाथ जी का मंदिर रावला घाटा नरसिंह भगवान मंदिर बाबा रामदेव मंदिर सहित शाहपुर नगर के सभी मंदिरों से भगवान भक्तों के साथ महलों के चौक से नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए नगर भ्रमण पर निकले जहां हजारों श्रद्धालु भक्तों ने पुष्प वर्षा की और संध्या आरती पर तालाब में झूला झुलाकर विधिवत परंपरागत अनुसार महाआरती श्रद्धा पूर्वक की गईण्दे

र शाम को प्रत्येक भक्तश्रद्धालु के घर घर पर जाकर भगवान की पूजा अर्चना आरती की गई जो अर्ध रात्रि पश्चात चलती रही भोर होने से पूर्ण ब्रह्म मुहूर्त में भगवान को विधिवत मंदिर के गर्भगृह में विराजित कर श्रृंगारित कर विशेष पोशाक पहनकर महा आरती की गई और प्रसाद का वितरण किया गया गौरतलाब है कि भगवान को मंदिर में विराजित करने से पूर्व हरेक भक्त और श्रद्धालु के सर पर भगवान को रखकर आशीर्वाद प्रदान किया जाता है।

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