महाराष्ट्र: शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक लेख के जरिए पीएम मोदी पर निशाना साधा गया है। इस लेख में उन्हें बाथरूप छाप राजनीति ना करने को कहा गया है। इस लेख का टाइटल ‘बाथरूम छाप राजनीति यह टाला जाना चाहिए’ रखा गया। इसमें लिखा है कि प्रधानमंत्री के पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए। बाथरूम में झुककर देखना किसी को भी शोभा नहीं देता। यह टाला जाना चाहिए। प्रधानमंत्री के उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी नेताओं की कुंडलियां निकालने के बयान पर भी ‘सामना’ में कटाक्ष किया गया है।
इसमें लिखा है, ”उत्तर प्रदेश की प्रचार सभा में मोदी ने ऐसी धमकी दी कि आप सभी की कुंडलियां हमारे पास हैं। इस पर अखिलेश यादव का जवाब ऐसा था कि गूगल पर सभी की कुंडलियां एक क्लिक पर मिलती है। उत्तर प्रदेश का चुनाव कितने निचले स्तर तक चला गया है इसका यह एक उत्तम नमूना है। इस तरह की कीचड़ फेंक में देश के प्रधानमंत्री या राज्य के मुख्यमंत्री को तो कम से कम शामिल नहीं होना चाहिए। दुर्भाग्य से लोकतंत्र के हमाम में सभी नंगे होने से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे लोग भी कैसे दूर रहेंगे।”
‘सामना’ में लिखा भाजपा के उत्तर प्रदेश में खराब कानून-व्यवस्था के लिए सपा सरकार पर आरोपों पर भी निशाना साधा गया है। इसमें लिखा है कि सूबे में भाजपा के पास 70 सांसद हैं वे क्या कर रहे हैं। जिस तरह से मुंबई में शिवसैनिक लोगों की रक्षा को निकलते हैं वैसे ही उन्हें भी बाहर आना चाहिए। वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मुंबई और ठाणे के निकाय चुनावों के प्रचार के दौरान भाजपा व पीएम मोदी पर हमले बोल रहे हैं। उन्होंने रैली के दौरान नोटबंदी का मामला उठाते हुए लोगों से कहा कि वे इस तरह से मतदान करें कि वह भाजपा पर सर्जिकल स्ट्राइक की तरह वार हो।
गौरतलब है कि मुंबई नगर निगम के चुनावों में भाजपा और शिवसेना अलग-अलग लड़ रहे हैं। दोनों के बीच सीटों को लेकर बात नहीं बनी थी। उद्धव ठाकरे तो कह चुके हैं कि मोदी सरकार ने नोटबंदी से जनता को परेशान किया है।
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