भारतीय मूल की तीसरी महिला स्पेस यात्री बनेगी ये न्यूरोसर्जन

शॉना पांड्या ने सिटिजन साइंस एस्ट्रोनॉट प्रोग्राम के टॉप स्कोर हासिल किया था.

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मुम्बई: कनाडा में जन्मी भारतीय मूल की शॉना पांड्या जल्द ही स्पेस में जाने वाली तीसरी भारतीय महिला बनने वाली है। पहले ये उपलब्धि कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के नाम दर्ज है। फर्क बस इतना है कि चावला और विलियम्स नासा वैज्ञानिक थीं। वहीं शॉना नासा के स्पेस मिशन-2018 के प्रोगाम सिटिजन साइंस एस्ट्रोनॉट (CSA) के तहत स्पेस यात्रा करेंगी।

ANI बताता है कि शॉना इस प्रोगाम के लिए 3,200 लोगों में से चुने गए 2 लोगों में से हैं। उन्हें सीएसए प्रोग्राम में टॉप स्कोर हासिल करने के बाद चुना गया।

मॉडलिंग के साथ नेवी सील की ट्रेनिंग भी..
शावना पांड्या न्यूरोसर्जन, लेखक, ओपरा सिंगर, इंटरनेशनल ताइक्वांडो चैंपियन व नेवी सील की ट्रेनिंग ले रखी है। उन्होंने फ्रेंच, स्पेनिश और रशियन का प्रशिक्षण लिया है। वह सिलिकॉन वैली में उघमी और मॉडल के रूप में कैटवॉक कर चुकी है।

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एस्ट्रोनॉट बनना बचपन का सपना
शावना पिछले दिनों अपने परिवार से मिलने मुम्बई आई थीं। उन्होंने बताया कि एस्ट्रोनॉट बनना बचपन का सपना है। लेकिन डॉक्टरी ज्यादा पसंद थी। शावना न्यूरो सर्जन है। वह कनाडा की अल्वर्ट यूनिवर्सिटी एंड हॉस्पिटल में सर्जन के रूप में काम कर रहीं हैं

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शॉना आगे बताती हैं, ‘मैं ऊपरी मीसोस्फीयर पर पोलर सबऑर्बिटल साइंस प्रोजेक्ट पर काम कर रही हूं। ये जलवायु परिवर्तन के अध्ययन के बारे में हैं। ‘ये मिशन 2018 में शुरू होगा। शॉना कहती हैं, ‘मुझे मेरे परिवार ने बहुत सहयोग दिया है। खासकर मेरी मां ने। बचपन से ही सभी को मेरे सपने के बारे में पता था। और सभी ने मेरी यहां तक पहुंचने में बहुत मदद की है।’