संवाददाता भीलवाड़ा। अमर शहीद कु.प्रतापसिंह बारहठ सेवा संस्थान की ओर से 24 मई को प्रताप जयंती समारोह का आयोजन सादे समारोह में किया गया। इस मौके पर कंपाउंडर कैलाश कोली द्वारा तैयार शहीद प्रतापसिंह बारहठ की मिट्टी की प्रतिमा का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम में कोरोना फाईटर व मोक्षधाम में सेवाएं देने वालों का सम्मान किया गया।संस्थान सचिव कैलाश जाडावत ने इस मौके पर कहा कि शहीद कु प्रताप का बलिदान देश कभी भूला नही सकेगा। 24 मई आज ही के दिन उदयपुर में वीरमाता माणिक कवर की कोख से ठाकुर केसरी सिंह बारहठ के घर जिस बालक का जन्म हुआ। उसका नाम प्रताप रखा। आगे चलकर यही बालक कु प्रताप सिंह जिन्होंने अंग्रेज हकूमत की चूले हिलादी थी। 1857 की क्रांति के दमन के बाद राजस्थान से सबसे कम उम्र में शहीद होनेका गौरव शाहपुरा के कु प्रताप को जाता है जो मात्र 25 वर्ष की आयु में बरेली जेल में शहीद हॉगए थे। यह सयोग ही है कि 24 मई 1918 को अग्रेजो की यातना सहते हुए यह आज ही के दिन शहीद हो गए थे।
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