संवाददाता भीलवाड़ा। शाहपुरा में अणुव्रत आंदोलन को बढ़ाने के लिए भीलवाड़ा के चार्तुमास पश्चात शाहपुरा में तेरापंथ के दो प्रमुख संतों का प्रवास शाहपुरा रहेगा। अणुव्रत समिति के पदाधिकारियों ने आज महाश्रमणजी के सम्मुख उपस्थित होकर शाहपुरा की गतिविधियों की जानकारी दी तो उन्होंने सभी को खुब आर्शिवाद दिया।
आचार्यश्री महाश्रमणजी ने शाहपुरा समिति के पदाधिकारियों को मांगलिक प्रदान करने के साथ इस मौके पर कहा कि शाहपुरा के रामस्नेही संप्रदाय के आद्याचार्य रामचरण जी एवं तेरापंथ धर्म संघ के प्रथम गुरु आचार्य भिक्षु के ऐतिहासिक मैत्री के संबंध रहे है। महाश्रमण जी ने उनका उल्लेख करते हुए तेरापंथ प्रबोध का एक पद्य का संघान किया। उन्होंने कहा कि शाहपुरा से हमारा गहरा व मधुर सम्बन्ध है। शाहपुरा में अणुव्रत का कार्य बढ़े ऐसी मंगलभावना करता हूँ। महाश्रमण ने कहा कि अणुव्रत युग दृष्टा पूज्य गणाधिपति तुलसी का अवदान है। जो धर्म ,काल,सीमा ,जाति पाति लिंग भेद ऊंच नीच की सीमाओं से ऊपर उठकर नैतिकता व प्रमाणिकता की भावभूमिका में ह्रदय परिवर्तन द्वारा स्वस्थ व्यक्ति के निर्माण द्वारा स्वस्थ समाज की रचना करने का एक आंदोलन है।
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