शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के स्थापना दिवस पर गोष्ठी का आयोजन

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हनुमानगढ़। जंक्शन के सरस्वती कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास का स्थापना दिवस मनाया गया। स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में सबसे पहले पौधारोपण किया गया जिसके पश्चात गोष्ठी का आयोजन किया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए शिक्षाविद् डॉ. श्यामसुन्दर शर्मा ने कहा कि शिक्षा बचाओ आंदोलन के माध्यम से शिक्षा की विकृत्यों को उजागर कर सरकार और न्यायालय ने उसे सुधारने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 2007 से शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास और अखिल भारतीय स्तर पर प्रयास किया गया कि भारतीय गौरव, महान संस्कृति एवं परम्पराएं और भाषा के क्षेत्र में कार्य करे। कहा कि वर्तमान में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास भारत के हरेक प्रांत और केंद्रीय शासित प्रदेशों में कार्य कर रहा है। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास दस विषयों, तीन आयामो, तीन कार्य विभाग और दो विशेष अभियान के तहत आत्मनिर्भर भारत और राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन है।

उन्होंने लोगों से कहा कि देश को बदलना है तो शिक्षा बदलो। जबकि मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं है। कहा कि समस्या नहीं समाधान की चर्चा करो। शिक्षा बचाओ आंदोलन के माध्यम से शिक्षा की विकृत्यों को उजागर कर सरकार और न्यायालय ने उसे सुधारने का काम किया है। उन्होंने कहा कि 2007 से शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास और अखिल भारतीय स्तर पर प्रयास किया गया कि भारतीय गौरव, महान संस्कृति एवं परम्पराएं और भाषा के क्षेत्र में कार्य करे। कहा कि वर्तमान में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास भारत के हरेक प्रांत और केंद्रीय शासित प्रदेशों में कार्य कर रहा है। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास दस विषयों, तीन आयामों, तीन कार्य विभाग और दो विशेष अभियान के तहत आत्मनिर्भर भारत और राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्रियान्वयन है। उन्होंने लोगों से कहा कि देश को बदलना है तो शिक्षा बदलो। जबकि मातृभूमि और मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं है। समस्या नहीं समाधान की चर्चा करो। इस मौके पर महाविद्यालय व्याख्याता सुलोचना बेनीवाल, मुकेश कुमार, सरिता सिंह, ईश्वर सिंह, तारा देवी, सीमा देवी सहित अन्य मौजूद थे।

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