लोककवि की 88वीं जन्मजयंती पर आयोजित की गई संगोष्ठी

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संवाददता भीलवाड़ा। साहित्य सृजन कला संगम द्वारा स्थापित लोक कवि मोहन मण्डेला स्मृति लोक साहित्य सम्मान इस वर्ष राजस्थानी भाषा के ख्याति प्राप्त कवि एवं साहित्यकार डाॅ. गजादान चारण -डीडवाना कोे दिया जाना सुनिश्चित किया है। साहित्य के क्षेत्र प्रतिष्ठित इस सम्मान को पाने वाले अब तक के साहित्यकारों में श्री गजानन वर्मा-श्रीरतनगढ़, कल्याण सिंह राजावत-जयपुर दुर्गादान सिंह गौड़-झालावाड़,माधव दरक-केलवाड़ा, रघुराज सिंह हाड़ा-झालावाड़, भंवरजी भंवर-जयपुर, भागीरथ सिंह भाग्य-बगड़, अरूणकांत साॅंचीहर-कांकरोली, पं विश्वेश्वर शर्मा-मुंबई, मुकुटमणिराज-कोटा, गिरीश विद्रोही-श्रीनाथद्वारा, डाॅ. खटका राजस्थानी-बिजयनगर, श्री नागराज शर्मा-पिलानी, श्री बिहारीशरण पारीक-जयपुर, नाथूलाल ‘निडर’-अंता, हंसराज चैधरी-रावतभाटा, ताऊ शेखावाटी-सवाईमाधोपुर, आईदान सिंह भाटी-जोधपुर, उपेन्द्र अणु-ऋषभदेव प्रमुख है। इस पुरस्कार के अन्तर्गत नकद राशि के अलावा शाॅल, साफा एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किये जाने की परम्परा रही है। प्रति वर्ष यह सम्मान लोककवि मोहन मण्डेला स्मृति अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के अंतर्गत दिया जाता है। इस वर्ष कोरोना महामारी एवं चुनावी आचार संहिता के मद्देनजर आयोजन की प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिल पाने से लोककवि मण्डेला की पुण्यतिथि 29 नवंबर 20 पर नहीं दिया जा सका था। आज लोककवि की 88वीं जन्मजयंती के मौके पर आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी में लोककवि को भावभीनी श्रद्धांजलि उपरांत सन् 2020 का सम्मान गजादान चारण को देना सुनिश्चित किया गया। संस्था के सचिव कैलाश मण्डेला ने बताया कि प्रशासनिक स्वीकृति मिलने पर समारोह आयोजित कर उक्त सम्मान दिया जाएगा जिसकी तिथि यथा समय सूचित कर दी जाएगी। इस महती आयोजन में देष एवं राज्य के चुनिन्दा एवं ख्याति प्राप्त कवि भाग लेते रहे है। संस्था के अध्यक्ष जयदेव जोशी ने बताया कि इस वर्ष विपरीत स्थितियों को देखते हुए यह कार्यक्रम प्रशासनिक गाइड लाइन के अनुसार ही किया जाएगा। कार्यक्रम के स्थान एवं नई तिथियों की घोषणा बाद में की जाएगी।

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