सुप्रीम कोर्ट का जज लोया की मौत पर बड़ा फैसला, इन कारणों की वजह से नहीं होगी अब जांच

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नई दिल्ली: बेहद चर्चित और विवादास्पद मामले की सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत के मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जज लोया केस की जांच नहीं होगी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तल्ख तेवर अपनाए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले में कोई जांच नहीं होगी, केस में कोई आधार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चार जजों के बयान पर संदेह का कोई कारण नहीं है। उनके बयान पर संदेह करना संस्थान पर संदेह करना जैसा होगा। कोर्ट ने कहा कि मामले के जरिए न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश- सुप्रीम कोर्ट
फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जो जज लोया के साथ यात्रा कर रहे थे उन पर संदेह नही किया जा सकता। बॉम्बे हाईकोर्ट के सभी जजों पर गलत आरोप लगाए गए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह न्यायपालिका को बदनाम करने की कोशिश है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि जिस तरीके से इस मामले पर जनहित याचिकाओं का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट के जजों पर लगे आरोप अवमानना के लायक हैं लेकिन हम अभी ऐसी कोर्ट कार्रवाई  नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि मीडिया की रिपोर्ट को हवाला बनाकर केस को बढ़ावा दिया जा रहा है।

क्या है मामला?
दरसअल राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की सुनवाई करने वाले जज लोया की 2014 में मौत हो गई थी। याचिकाओं में जज लोया की मौत की निष्पक्ष जांच कराने की गुहार की गई है। पिछले साल नवंबर को यह मसला तब सामने आया था जब एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि जज लोया की बहन ने भाई की मौत को लेकर सवाल उठाए हैं।

सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर का है क्या है मामला
गुजरात में सोहराबुद्दीन शेख, उनकी पत्नी कौसर बी और उनके सहयोगी तुलसीदास प्रजापति के नवंबर 2005 में हुई कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में पुलिसकर्मी समेत कुल 23 आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे हैं। बाद में यह मामला सीबीआई को सौंपा गया और मुकदमे को मुंबई ट्रांसफर किया गया। जज लोया इस केस की सुनवाई कर रहे थे। इसलिए इस केस को इस एनकाउंटर से जोड़कर देखा जा रहा था।

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