नई दिल्ली: सबसे बड़े बैंक SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) का स्वरूप 1 अप्रैल से बदल गया है। SBI में राष्ट्रीय महिला बैंक समेत SBI के 5 सहयोगी बैंकों का विलय हो गया है। अब इन सभी बैंकों के कस्टमर एक अप्रैल से एसबीआई के कस्टमर हो गए। साथ ही, बैंक ने पांच साल के अंतराल के बाद फिर से खाते में न्यूनतम राशि नहीं होने पर जुर्माना वसूलने का निर्णय किया है। यह जुर्माना भी एक अप्रैल से लागू होग हो गया। इसके अलावा बैंक ने एटीएम सहित अन्य सेवाओं के शुल्क में भी बदलाव किया है।
5 फ्री ट्रांजैक्शन के बाद देना होगा 20 रुपए का शुल्क
- देश के सबसे बड़े बैंक ने महीने में तीन बार बचत खाताधारकों को बिना शुल्क के नकद धन जमा कराने की अनुमति दी है।
- इसके बाद नकदी के प्रत्येक लेनदेन पर 50 रुपए का शुल्क और सेवाकर ग्राहकों को देना होगा। चालू खातों के मामले में यह शुल्क अधिकतम 20,000 रुपए भी हो सकता है।
- एसबीआई के संशोधित शुल्कों की सूची के अनुसार खातों में मासिक औसत बकाया (एमएबी) रखने में नाकाम रहने पर 100 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और इस पर सेवाकर भी देय होगा।
- शहरी क्षेत्र के खाताधारकों के खाते में यदि न्यूनतम राशि 5,000 रुपए का 75 प्रतिशत होगी तो 100 रुपए का शुल्क और सेवाकर जुर्माना स्वरूप देना होगा।
- यदि यही बकाया न्यूनतम राशि के 50 प्रतिशत अथवा उससे भी कम है तो ऐसी स्थिति में बैंक 50 रुपए और सेवाकर वसूलेगा।
- मासिक औसत शेष यानी एमएबी शुल्क बैंक शाखा की जगह के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है। ग्रामीण शाखाओं के मामले में यह न्यूनतम रह सकता है।भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में बैंकों को अनुमति दे दी है।
- ये शुल्क एक अप्रैल से लागू हो जाएंगे।
- स्टेट बैंक ग्राहकों द्वारा इसी प्रकार एक माह में अन्य बैंक के एटीएम से तीन बार से ज्यादा निकासी पर 20 रुपए का शुल्क देय होगा।
- एसबीआई के एटीएम से पांच से ज्यादा आहरण करने पर हर बार 10 रुपए का शुल्क लिया जाएगा।
- हालांकि, एसबीआई खुद के एटीएम से तब कोई शुल्क नहीं लगाएगी जबकि संबंधित व्यक्ति के खाते में 25,000 रुपए से अधिक बकाया रहता है।
- वहीं खाते में एक लाख रुपए से अधिक बकाया रहने पर स्टेट बैंक ग्राहक यदि दूसरे बैंकों के एटीएम से कितनी भी बार निकासी करता है तो कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
- डेबिट कार्डधारकों से एसएमएस अलर्ट भेजने के लिए एसबीआई हर तिमाही 15 रुपए का शुल्क लेगा जो त्रैमासिक आधार पर औसत 25,000 रुपए की बकाया राशि खाते में रखते हैं।
- बैंक यूपीआई के माध्यम से 1,000 रुपए तक के लेनदेन पर कोई शुल्क नहीं लेगा।
विलय के बाद अब इन बैंकों के कस्टमर बनें SBI ग्राहक
- आरबीआई के अनुसार एक अप्रैल 2017 से स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और भारतीय महिला बैंक का विलय लागू हो गया है। इसीलिए, अब इन सभी बैंकों के कस्टमर्स एसबीआई के ग्राहक बन गए है।
SBI टॉप-50 बैंकों में हुआ शामिल
- पांच बैंकों के विलय से एसबीआई का एसेट बेस करीब 37 लाख करोड़ रुपए (555 अरब डॉलर) हो गया है। साथ ही, बैंक की अब 22500 ब्रांच और 58 हजार एटीएम हो गए हैं। मौजूदा सयम में SBI के 50 करोड़ से ज्यादा कस्टमर हो गए। इसके बाद SBI दुनिया के टॉप 50 बैंकों में शामिल हुआ।
ब्याज दरों पर होगा ये असर
- एसबीआई के पूर्व सीजीएम सुनील पंत के अनुसार ज्यादातर सर्विसेज कस्टमर के पहले जैसे ही रहेंगी। जहां तक कुछ बैंकों की स्पेशल स्कीम की बात हो, तो उसको लेकर नए प्रॉविजन बैंक को करने होंगे। इसके अलावा 5 बैंकों के एमसीएलआर, एसबीआई से अलग हैं।
- ऐसे में इन बैंकों के कस्टमर के होम लोन, कार लोन, पर्सनल , ऑटो लोन, बिजनेस लोन सहित दूसरे लोन के इंटरेस्ट रेट अलग-अलग हैं। ऐसे में एसबीआई के पास दो ऑप्शन है। पहला यह कि वह एक अप्रैल से सभी के इंटरेस्ट रेट री-सेट करें या फिर जब एमसीएलआर के रिन्यूअल का समय आए, तब एसबीआई के अनुसार उनके रेट तय होंगे। इसी तरह का इम्पैक्ट डिपॉजिट रेट्स पर भी होगा।
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