हनुमानगढ़। जिले में सर्व समाज द्वारा विधायक के विवादित बयान के खिलाफ दिया जा रहा अनिश्चितकालीन धरना दूसरे दिन भी जारी रहा। धरने में बड़ी संख्या में युवा, बुजुर्ग और विभिन्न समाजों के लोग शामिल हुए। सर्व समाज के नेताओं ने प्रशासन से विधायक पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मुकदमा दर्ज करने की मांग दोहराई।
मामला तब सामने आया जब विधायक द्वारा जाट समाज पर मूल ओबीसी का हक छीनने का आरोप लगाया गया। यह बयान पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बन गया और विभिन्न समाजों ने इसे समाजिक सद्भाव के खिलाफ बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई। बुधवार को हनुमानगढ़ जिला कलेक्ट्रेट पर सर्व समाज द्वारा एक महापंचायत आयोजित की गई, जिसमें सभी ने एकमत से विधायक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग उठाई। प्रशासन को इस पर निर्णय लेने के लिए सात दिन का समय दिया गया, लेकिन संतोषजनक कार्रवाई न होने के कारण धरना जारी रहा।
धरने के दूसरे दिन बड़ी संख्या में युवा और बुजुर्ग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हनुमानगढ़ जिले में हमेशा सामाजिक सौहार्द बना रहा है, लेकिन विधायक के इस बयान से समाज में दरार डालने की कोशिश की गई है। युवा नेता सिद्धार्थ बलिहारा ने कहा, “हनुमानगढ़ जिले में सदैव भाईचारा कायम रहा है, परंतु इसे जातिगत रंग देना निंदनीय है। विधायक जैसे जिम्मेदार पद पर रहते हुए इस तरह का बयान देना पूरे राजस्थान को शर्मसार करता है।”
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