शाहपुरा-संस्कृत भाषा भारत की ही नहीं अपितु विश्व का मार्गदर्शन करने वाली भाषा है । इसी भाषा में लिखा गया साहित्य संपूर्ण विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है । संस्कृत भाषा संस्कार, संस्कृति और सभ्यता का आधार है । संस्कृत से संस्कार आते हैं और संस्कारों से संस्कृति का निर्माण होता है और संस्कृति से ही सभ्यता । यह बात चित्तौड़ प्रांत द्वारा आयोजित संस्कृत सप्ताह के ऑनलाइन समारोप कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कोटा राजकीय महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर सरिता भार्गव ने कहीं । भार्गव ने कहा है कि संस्कृत साहित्य में कला, ज्ञान, विज्ञान, गणित, ज्योतिष जैसा अपार ज्ञान का भंडार भरा हुआ है । जर्मनी जैसे देश हमारे संस्कृत के ग्रंथों को पढ़कर के आविष्कार कर रहे हैं । इसलिए आज के युग में प्रत्येक भारतीय को संस्कृत पढ़ना चाहिए । डॉ भार्गव ने कहा है भारतीय संस्कृति, भारतीय साहित्य और धर्म को भली-भांति वही समझ सकता है जो संस्कृत जानता है । इसलिए देश में संस्कृत भाषा अनिवार्य भाषा होनी चाहिए । इस अवसर पर प्रांत संगठन मंत्री देवेंद्र पंड्या ने कहा है कि जिस प्रकार योग को विश्व स्तर पर सम्मान मिला है उसी प्रकार संस्कृत को भी विश्व स्तर पर संस्कृत दिवस के रूप में स्वीकार्यता मिलेगी ।
वर्तमान समय में भारतीय भाषाओं में सबसे अधिक सीखे जाने वाली भाषा संस्कृत है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण चित्तौड़ प्रांत के द्वारा आयोजित शिविर में 1200 लोगों द्वारा पंजीकरण करवाना व देश भर में 40000 से अधिक लोगों के द्वारा ई लर्निंग के माध्यम से संस्कृत को सीखना है । पंड्या ने कहा है कि संस्कृत को समाज व्यापी बनाने के लिए वर्तमान परिपेक्ष्य में सोच कर चलना होगा । आज जो बच्चा मोबाइल व कंप्यूटर से पढ़ व खेल रहा है उसके अनुरूप ही संस्कृत को खड़ा करना होगा । भीलवाड़ा विभाग संयोजक परमेश्वर प्रसाद कुमावत ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ उदयपुर प्रचार प्रमुखा रेखा सिसोदिया द्वारा ध्येय मंत्र से किया गया । कार्यक्रम का संचालन प्रांत शिक्षण प्रमुख मधुसूदन शर्मा ने किया । संस्कृत भारती का परिचय देते हुए प्रांत सह शिक्षण प्रमुख तरुण मित्तल ने कहां की संस्कृत भारती 1981 से लेकर अब तक निरंतर संस्कृत भाषा के लिए कार्य कर रही है । वर्तमान में 39 देशों में संस्कृत भारती का कार्य चल रहा है अब तक 140000 शिविर लग चुके है जिनमें 1400000 लोगों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया । कार्यक्रम में प्रांत मंत्री राजेंद्र शर्मा, प्रांत प्रचार प्रमुख यज्ञ आमेटा, सत्यव्रत शर्मा, अजमेर विभाग संयोजक आशुतोष पारीक, अजमेर महानगर प्रमुख हिम्मत सिंह चौहान, भीलवाड़ा विभाग संयोजक परमेश्वर प्रसाद कुमावत, शाहपुरा जिला संयोजक भगवान लाल गोस्वामी, बांसवाड़ा जिला संयोजक लोकेश जैन, डॉ रेनू पालीवाल, शाहपुरा शिक्षण प्रमुख प्रमुखा अंजू जांगिड़, पूजा गुर्जर, बारा जिला संयोजक पियूष गुप्ता, बारा जिला शिक्षण प्रमुख मीठालाल माली, अनिरुद्ध सिंह राठौड़, सरिता राठौर आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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