राज्य सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध में संघर्ष चेतना यात्रा हनुमानगढ़ पहुची

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हनुमानगढ़। राज्य सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों और संवादहीनता के विरोध में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने राज्यव्यापी आंदोलन के तहत संघर्ष चेतना यात्रा हनुमानगढ़ पहुची। समस्त कर्मचारियों ने जिलाध्यक्ष चन्द्रभान ज्याणी के नेतृत्व में संघर्ष चेतना यात्रा का स्वागत किया और आन्दोलन की रणनीति तैयार की। बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष चन्द्रभान ज्याणी ने कहा कि राज्य सरकार लगातार कर्मचारियों की उपेक्षा कर रही है और लिखित समझौतों से मुकर रही है जिससे प्रदेश के लाखों कर्मचारी स्वंय को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। सरकार ने चार साल में महासंघ से एक बार भी संवाद नहीं किया जो कि लोकतांत्रिक परम्पराओं के विपरीत है। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ प्रदेश के राज्य कर्मचारी, बोर्ड, निगम, स्वायत्तशाषी संस्थाओं, सहकारी संस्थाओं, पंचायती राज एवं अस्थायी व्यवस्था के तहत कार्यरत 8 लाख कार्मिकों का प्रतिनिधित्व करता है।

बैठक को प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग ने सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार नौकरशाहों के चुंगल में फंस गई है, नौकरशाह सरकार की छवि खराब कराने में लगे हुए हैं। सरकार ने समय रहते महासंघ के 15 सूत्रीय मांग पत्र पर द्विपक्षीय वार्ता आयोजित कर मांगो का निराकरण नहीं किया तो राज्य कर्मचारी आम हड़ताल जैसा कदम उठाने के लिए विवश होंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। कर्मचारियों की मुख्य मांगों में कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर कर वर्ष 2013 की अनुसूची 5 के अनुसार सातवें वेतन आयोग में वेतन निर्धारण किया जाए और न्यूनतम वेतन 26000 किया जाए, 9,18 और 27 वर्ष की सेवा पर एसीपी के स्थान पर 7,14,21 एवं 28 वर्ष की सेवा पर पदोन्नति पद का वेतनमान स्वीकृत किया जाए, विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा किए गए समझौतों एवं सहमतियों को लागू किया जाए।, सहायक कर्मचारियों को एमटीएस घोषित किया जाए।, नियमित पदों पर संविदा कार्मिकों के भर्ती के लिए जारी संविदा नियम 2022 को प्रत्याहारित कर रिक्त पदों पर नियुक्त संविदा कार्मिकों / अस्थाई कार्मिकों को नियमित किया जाए।, पारदर्शी स्थानांतरण नीति जारी की जाए।, प्रदेश में लागू की गई पुरानी पेंशन योजना के बाद कर्मचारियों के एनपीएस की राशि जी पी एफ खाते में स्थानांतरित की जावे तथा कर्मचारियों द्वारा लिए गए ऋण की वसूली के जारी आदेशों को प्रत्याहारित किया जाए।

प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय के समान वेतन भत्ते स्वीकृत किए जाए।, कर्मचारी संगठनों के धरना प्रदर्शन पर रोक के लिए सरकार द्वारा अलोकतांत्रिक निर्णय कर जारी किए गए नो वर्क नो पे के आदेश दिनांक 05 अक्टूबर 2018 को प्रत्याहरित किया जाए। ग्राम विकास अधिकारी प्रदेश संगठन मंत्री रमेश खटोतिया ने बताया कि उक्त यात्रा को महासंघ से सम्बद्ध 82 घटक संगठनों का सर्मथन है। आन्दोलन की कड़ी में 4 जनवरी से 6 जनवरी तक सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदेश पदाधिकारी संघर्ष चेतना यात्रा निकाल रहे है। इसके बाद 11 जनवरी को ब्ल्ॉाक स्तर पर धरने और प्रदर्शन होंगे। 18 जनवरी को सभी जिला मुख्यालयों पर वाहन रैली निकाली जाएगी और 23 जनवरी को महासंघ महाआक्रोश रैली का आयोजन करेगा। इस मौके पर प्रदेशाध्यक्ष महावीर सिहाग, ग्राम विकास अधिकारी प्रदेश संगठन मंत्री रमेश खटोतिया , कानूनगों संघ के प्रदेश महामंत्री सुर्दशन आर्य, अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ जिलाध्यक्ष चन्द्रभान ज्याणी, जोगेन्द्र मोठसरा, मनोहरलाल बंसल, वीरेन्द्र पारीक, जनक सिंह, शिव कुमार बिश्नोई, सतीश चौपड़ा, मोहनलाल, देवीलाल, गुरसाहब सिंह सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

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