आज भी बढ़ेंगे दाम: पेट्रोल पर 37 पैसे, डीजल पर 23 पैसे बढ़ेंगे

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नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल के दाम गुरुवार को लगातार 11वें दिन भी बढ़े ओर आज शुक्रवार को भी दामों में कोई राहत की खबर नहीं मिली है। प्रदेश में इनकी कीमतें अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई। पेट्रोल 80 के पार पहुंच गया तो डीजल भी रिकॉर्ड 72.92 रु. लीटर रहा। बढ़ते दामों से जनता परेशान है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार राहत देने के मूड में नहीं है।

राज्य सरकार इन दोनों पर वैट और सेस के जरिये करीब 30% तक टैक्स वसूल रही है और प्रतिदिन 28 करोड़ की कमाई कर रही है। अगर सरकार सेस हटा दे और वैट को 4% तक कम कर दे तो जनता को 5 रु. लीटर तक की राहत मिल सकती है। जयपुर में गुरुवार को पेट्रोल 31 पैसे प्रति लीटर बढ़कर 80.18 रुपए पर पहुंच गया, जबकि डीजल 20 पैसे प्रति लीटर महंगा होकर 72.92 रु. लीटर रहा।

बता दें, बुधवार (23 मई) को केंद्र सरकार ने कहा था कि वह पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से राहत दिलाने के लिए दीर्घकालिक समाधान लाने पर काम कर रही है. सरकार ने कहा था कि हम जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेंगे.

गौरतलब है कि कर्नाटक चुनाव के दौरान 19 दिन तक पेट्रोल और डीजल के दामों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुए पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ा दिए गए। तब से लगातार ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी का दौर जारी है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में आ रही रिकॉर्ड वृद्ध‍ि को इसकी वजह है।

शॉर्ट टर्म उपायों पर भी विचार : पेट्रोलियम मंत्री
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों से निपटने के लिए लॉन्ग टर्म के साथ शॉर्ट टर्म समाधान पर विचार कर रही है। मंत्रालय इन्हें जीएसटी में लाने के पक्ष में है।

मोदी ने विराट का फिटनेस चैलेंज स्वीकारा तो राहुल गांधी ने दिया कीमतें घटाने का चैलेंज
केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर की ओर से शुरू फिटनेस कैंपेन के तहत गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली का फिटनेस चैलेंज स्वीकार कर लिया। इस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी को पेट्रोल-डीजल की कीमतें घटाने का चैलेंज दे दिया।

तेल उत्पादक कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स संभव
पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने के लिए सरकार एक्साइज ड्यूटी घटाती है तो भरपाई के लिए ओएनजीसी व दूसरी क्रूड उत्पादक कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स लगा सकती है। 70 डॉलर प्रति बैरल की सीमा तय हो सकती है। कीमत इससे ऊपर जाने पर कंपनियों को सेस देना पड़ेगा।

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