समाजवादी पार्टी के 25 साल पूरे: यहां जानिए कैसा रहा मुलायम का राजनीतिक सफर

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उत्तर प्रदेश: समाजवादी पार्टी के साइकिल के पहिए को घूमते हुए आज 25 साल पूरे हो गए। सपा को देश की सबसे ताकतवर क्षेत्रीय पार्टीयों में से एक बनाने का श्रेष्य अगर किसी को जाता है तो वह है मुलायम सिंह। ऐसा हम दावे के साथ नहीं कह रहे लेकिन मुलायम को नजदीक से जानने वाले बताते हैं कि यदि एक बार कोई भी व्यक्ति पार्टी के हित में कोई अच्छा काम कर दे तो वो ताउम्र मुलायम सिंह यादव के लिए उनका करीबी हो जाता है। जो आजकल पार्टी में चल रहे घमासान युद्ध में दिखने को मिल रहा है। चलिए इसी मौके पर एक नजर डालते है कि कैसा रहा सपा का 25 साल का करियर….

1967 में शुरू किया मुलायम ने अपना सफर-

मुलायम सिंह का सक्रिय राजनीतिक करियर 1967 में शुरू हुआ जब वह पहली बार उत्तर प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए. बड़े स्तर पर मुलायम सिंह की सियासत का पहला अध्याय 1977 में शुरू होता है। यह कांग्रेस विरोध का दौर था तब उत्तर प्रदेश में संघियों और सोशलिस्टों की मिली-जुली सरकार थी। मुलायम सिंह यादव उस सरकार में सहकारिता मंत्री थे। उसी दौरान मुलायम जाने-माने समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्रा के संपर्क में आए 1989 में जब उत्तर प्रदेश सरकार का गठन होने वाला था तब मुख्यमंत्री पद की दौड़ में दो नेता थे मुलायम सिंह और अजित सिंह।

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अयोध्या मुद्दे से मिली बड़ी पहचान-

मुलायम सिंह को राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी पहचान अयोध्या मुद्दे से मिली। 1990 में मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने विवादास्पद बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया था। 1992 में बाबरी मस्जिद टूटने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति सांप्रदायिक आधार पर बंट गई और मुलायम सिंह को राज्य के मुस्लिमों का समर्थन हासिल हुआ।

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देवेगौड़ा मंत्रिमंडल में रह चुके है रक्षा मंत्री

अल्पसंख्यकों के प्रति उनके रुझान को देखते हुए कहीं-कहीं उन पर “मौलाना मुलायम” का ठप्पा भी लगा। मुलायम सिंह करीब दो दशक से राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हैं। देवेगौड़ा मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री रह चुके मुलायम सिंह 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अपने लिए एक बड़ी भूमिका देखते हैं।

25वीं वर्षगांठ पर ये होगा खास-

  • समारोह में लालू प्रसाद यादव, शरद यादव और देवेगौड़ा मौजूद होंगे। इनकी मौजूदगी से महागठबंधन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। हालांकि, छठ के कारण समारोह में बिहार के सीएम नीतीश कुमार शिरकत नहीं करेंगे।
  • शिवपाल यादव ने खुद मौके पर पहुंचकर तैयारियों का जायजा ले रहे है उन्होंने आयोजन को यादगार बनाने की बात कही। समारोह में हिस्सा लेने लखनऊ पहुंचे लालू यादव ने कहा कि यूपी में फिर से एसपी की ही सरकार बनेगी।  लालू के साथ पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा और अजीत सिंह मौजूदगी की भी मौजूदगी दिखेगी।

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भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी शिवपाल पर
पार्टी की 25वीं सालगिरह को यादगार और शानदार बनाने के लिए मुलायम सिंह यादव ने अपनी पूरी ताकत लगाई है। लखनऊ के जिस जनेश्वर मिश्र पार्क में पार्टी का रजत जयंती समारोह शनिवार को हो रहा है उसे एशिया के सबसे बड़े पार्क में से एक कहा जाता है।

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समारोह में दिख सकता है परिवार विवाद-

पिछले समय से चल आ रहे चाचा-भतीजा विवाद मंच पर भी नजर आ सकता है। शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच शक्ति प्रदर्शन की होड़ है। मुलायम सिंह यादव 25वीं सालगिरह किन परिस्थितियों में मना रहे हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि समारोह की पूरी जिम्मेदारी उसी गायत्री प्रजापति को दी गई है जिसे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बिल्कुल पसंद नहीं करते और अपने मंत्रिमंडल से बाहर निकाल चुके थे।