संत इस जग के चलते फिरते तीर्थ, दर्शन मात्र से पुण्य की प्राप्ति:साध्वी प्रतिमा दीदी

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संवाददाता भीलवाड़ा। संत इस जग के चलते फिरते तीर्थ है मनुष्य तीर्थ करने अलग अलग जगह जाता है पर साधु संतो के दर्शन से सभी तीर्थों का पुण्य प्राप्त किया जा सकता है। श्री राम कथा में संतो की महिमा का वर्णन करते हुए कहा डॉ दीदी मां प्रतिमा ने कहा। रत्नाकर नाम का डाकू एक संत के सानिध्य से ही महर्षि वाल्मीकि हुए और उन्ही वाल्मीकि के रामायण जैसे दिव्य ग्रंथ की रचना कर दी। संतों के दर्शन से जीवन धन्य हो जाएगा।
खजूरी ग्राम के श्री नन्द गौपाल गौशाला के सहयोग हेतु गौ राम कथा गुरुवार से प्रारंभ हुई कथा के प्रारंभ में आज कलश यात्रा बालाजी की बड़ी मंदिर से प्रारंभ हुई। जिसमें गांव की महिलाओं ने जल कलश लेकर रघुनाथ मंदिर, चारभुजा मंदिर होते हुए ठाकुर जी के बेवानो के साथ गौशाला स्थित कथा पांडाल में पहुंची। स्वामी मनुष्य मित्र के सानिध्य में चल रही नौ दिवसीय राम कथा के पहले दिन साध्वी प्रतिमा दीदी ने गुरु महिमा का वर्णन किया संतों के दर्शन से जीवन धन्य होने का उपदेश दिया।

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