महिलाएं ही कर रहीं महिलाओं के प्रवेश का विरोध, ‘सुप्रीम’ फैसले के खिलाफ सड़कों भीड़

अचंभित करने वाली खबर ये है कि महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ महिलाएं भी विरोध-प्रदर्शनों में शामिल हो रही हैं।

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तिरुअनंतपुरम: सबरीमाला मंदिर बुधवार को मासिक पूजा पाठ के लिए खोला जाना है। इसे लेकर राज्यभर में बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। अचंभित करने वाली खबर ये है कि महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ महिलाएं भी विरोध-प्रदर्शनों में शामिल हो रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार, केरल में भाजपा के हजारों कार्यकर्ता सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सोमवार को सड़कों पर उतर आए।

एक अनुमान के मुताबिक, करीब 30 से 40 हजार बीजेपी कार्यकर्ता और अयप्पा भक्त इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं। इनके अलावा राज्य में पार्टी के बड़े नेता मुरलीधर राव और तुषार वेल्लापल्ली भी प्रदर्शन में मौजूद हैं। इन बड़े नेता के नेतृत्व में पिछले पांच दिन से चल रहा ये विरोध सचिवालय पर जाकर ग्रैंड शो के तौर पर समापन करना चाहती है।

दो दिन बाद ही खुलने हैं मंदिर के कपाट
दो दिन बाद ही सबरीमाला मंदिर मासिक पूजा के लिए दोबारा से खुल जाएगा। इस बार सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के चलते पहली बार महिलाएं भी मंदिर में प्रवेश करेंगी। हालांकि इस पर विवाद अभी गर्माया हुआ है। इसी के चलते त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) ने तंत्री परिवार, पंडलम पैलेस के प्रतिनिधि और अयप्पा सेवा संगम के नेताओं को मंगलवार को चर्चा के लिए बुलाया है।

बता दें कि बीजेपी का यह राज्यव्यापी मार्च 10 अक्टूबर को पंडलम से शुरू हुआ था। बीजेपी ने राज्य की एलडीएफ सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू करने को लेकर मोर्चा खोल रखा है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पिल्लै ने कहा कि पंडलम से तिरुवनंतपुरम तक का यह मार्च इस बात को दिखाने के लिए था कि अयप्पा भक्त सरकार के इस फैसले से कितना नाराज हैं। उन्होंने कहा, ‘केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को जल्दबाजी में लागू कर हिंदू भावनाओं के साथ खेल रही है।’

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