नोटबंदी के बाद से ही देश में डिजिटाइजेशन पर जोर दिया जा रहा, शहरी रहन-सहन में डिजिटल जैसी बातें हजम हो भी जाती हैं लेकिन खेती में इस प्रणाली का उपयोग करना, सुनकर ही आश्चर्य होता लेकिन ये सच। ब्रिटिश विज्ञानी इसकी शुरूवात भी कर चुके हैं। इस परियोजना का नाम ‘हैंड्स फ्री हेक्टेयर’ रखा गया है। यानि खेत में किसान को कोई काम न करना पड़े, रोबोट ही जुताई, रोपाई, बुवाई, सिंचाई, छिड़काव और निगरानी करेगा।
ब्रिटेन की हार्पर एडम्स यूनिवर्सिटी ने इस परियोजना की शुरुआत की है। टीम के सदस्य किट फ्रेंकलीन ने बताया कि तकनीक की मदद से अनाज उगाने में कोई बाधा नहीं है। इससे न हमको खेत में जाना पड़ेगा। अनाज की बोवाई भी अपने आप होगी, देखरेख और समय पर सिंचाई व खाद या कीटनाशक डालने का काम भी रोबोट करेगा। वैज्ञानिक रोबोट से खेती पर काफी आशान्वित हैं।
ऐसी होगी बुवाई-कटाई योजना-
फ्रेंकलीन ने बताया कि हम इस खेती में छोटी मशीन वाले रोबोट का इस्तेमाल करेंगे जो बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। इस रोबोट को यूनिवर्सिटी में ही विकसित किया गया है। हम जल्द ही इस रोबोट के जरिए खेत की जुताई शुरू करेंगे। मार्च से खेती शुरू होगी। अप्रैल से जुलाई के बीच खेत तैयार करने, सिंचाई और अन्य काम होंगे। फिर अगस्त और सितंबर में बोवाई शुरू होगी।
इस खेती से किसान को होंगे ये फायदे-
- अगर किसी फल के बाग की निगरानी किसान रोबोट करे तो वह फल तक गिन के बता देगा।
- कीटनाशक का छिड़काव करेगा।
- पशुओं को फसल खराब करने से खदेड़ेगा।
- आस्ट्रेलिया में किसान रोबोट मशीन से खेती कर रहे हैं और इसके परिणाम प्रेरणादायक हैं।
- खेती में मजदूरी की लागत काफी हद तक घट गई है।
- ये रोबोट 20 से डेढ़ सौ मवेशियों के झुंड को आसानी से नियंत्रण में रख सकते हैं।
रोबोट के इस्तेमाल से बढ़ेगी मिट्टी की गुणवत्ता-
फ्रेंकलीन ने बताया कि इस रोबोट के इस्तेमाल से हमें एक लाभ मिला है और वह है मिट्टी की उच्च गुणवत्ता। हालांकि अभी जहां खेती के लिए भारी भरकम मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है वहां कई दिक्कतें आ रही हैं। खासकर उसके आकार को लेकर। इससे मिट्टी की उर्वरता खराब हो रही है। साथ ही फसल को भी नुकसान पहुंच रहा है। फ्रेंकलीन का मानना है कि छोटे रोबोट से खेती में आसानी है।
देखें वीडियो: (साभार- New Scientist)
इन देशों में शुरू हुई रोबोट खेती-
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस छोटे रोबोट से किसान को कई तरह की सहूलियत मिलेगी। ट्रैक्टर से जुताई के लिए खुद किसान को वहां मौजूद नहीं रहना पड़ेगा। न ही उसे देखरेख की चिंता करनी होगी। हाल के दिनों में बेहतरीन शोध से खेती के लिए छोटे रोबोट तैयार हो रहे हैं। कई विकसित देशों-अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, आस्ट्रेलिया आदि में किसान इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।