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हनुमानगढ़। श्रवण नक्षत्र में आने वाली पूर्णिमा को सावन महीने की पूर्णिमा कहा जाता है , जो की इस बार  21 अगस्त दिन शनिवार को है | लेकिन क्युकी तिथि का उदय काल यानि सूर्य उदय की तिथि 22 अगस्त दिन रविवार को है इस नाते पूर्णिमा 22 अगस्त को ही रक्षा बंधन के रूप में मनाई जाएगी | पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त की शाम 7 वजे से लेकर 22 अगस्त की शाम 5:30 वजे तक रहेगी | शनिवार और रविवार दोनों ही दिनों में ग्रहों की शुभता प्राप्ति के लिए पूजा उपासना, मन्त्र जप किये जा सकते हैं | अमरपुरा जालू के ज्योतिषाचार्य मणि शंकर जी ने बताया कि पूर्णिमा पर शिव पार्वती, लक्ष्मी नारायण, गणेश और हनुमान पूजा का विधान है |
#चंद्रमा की शुभता का उपाए : पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा अपनी सम्पूर्ण कालायों में होता है, इस नाते यदि आपकी जन्म कुंडली में चंद्रमा की स्थिति 3, 6, 8, 10, 12वे भाव में, या फिर वृश्चिक राशी का चंद्रमा है या फिर जन्म कुंडली में चंद्रमा किसी भी भाव का होकर शनि, राहु, केतु से युति या दृष्टि में है , या फिर सूर्य चंद्रमा की युति है जिसकी वजह से आपके प्रेम संबंध बन कर टूट जाते हैं जिस से आपको मानसिक कष्ट होता है, प्रेम विवाह में बाधा आ रही है, आपको माता की तरफ से स्नेह नही मिलता, पैत्रिक धन संपदा प्राप्ति में बाधा है, जमापूंजी का आभाव है, तो आपको चंद्रमा की शुभता प्राप्ति के  लिए शिवलिंग रुद्राभिषेक इस दिन करवाना चाहिए |
#ब्रहस्पति और शुक्र की शुभता का उपाए : पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु जी की पूजा का विधान है | और सावन महीने की पूर्णिमा पर विशेष रूप से लक्ष्मी नारायण की पूजा की जाती है | इस नाते यदि आपकी जन्म लग्न या चन्द्र कुंडली में ब्रहस्पति या शुक्र की स्थिति 3, 6, 8, 10वे भाव में है या फिर मकर राशी का ब्रहस्पति, कन्या राशी का शुक्र है, यदि आपकी जन्म कुंडली में ब्रहस्पति या शुक्र किसी भी भाव में होकर शनि राहू से युति या फिर शनि राहु की दृष्टि में है या फिर सूर्य शुक्र की युति है, जिसकी वजह से आपकी तरक्की रुकी हुई है, विवाह होने में देरी हो रही है, मनचाहे साथी की प्राप्ति नही हो रही, आप खुद का व्यवसाय करते हैं जिसमे आपको लाभ नही मिल रहा, तो फिर आपको गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करते हुए विधि विधान से लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करनी चाहिए | शनि की शुभता का उपाए : सावन महीने की पूर्णिमा पर हनुमानजी जी की पूजा का विधान भी है, और फिर जब शनिवार का दिन मिल रहा हो तो आपको जरुर ही इस दिन हनुमान जी की पूजा, सुन्दरकाण्ड और बजरंग बाण के पाठ के माध्यम से हनुमानजी की कृपा प्राप्त करनी चाहिए | यदि आपकी जन्म लग्न कुंडली या चन्द्र कुंडली में शनि की स्थिति 1, 2, 4, 5, 8, 9, 12वे भाव में है या फिर जन्म कुंडली के किसी भी भाव में सूर्य शनि युति, शनि राहु , शनि मंगल युति या दृष्टि संबंध है, जिसकी वजह से पिता पुत्र के सुख नही मिल पा रहे, आपके व्यवसाय की तरक्की इस प्रकार रुक गई है मानो किसी ने बंधन लगा दिया हो, आपका पैसा फसा हुआ है या फिर आप पर कर्ज़ की स्थिति है, आपके जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब बना रहता है, तो आपको 21 अगस्त दिन शनिवार को हनुमान जी की पूजा, सुंदरकांड और बजरंग बाण के पाठ करने चाहिए |
Note :  आप सावन के शुभ अवसर पर चंद्रमा की शुभता के लिए शिवलिंग रुद्राभिषेक, गुरु शुक्र की शुभता के लिए लक्ष्मी नारायण पूजन, और शनि मंगल की शुभता के लिए सुंदरकांड का पाठ अपने नाम और गोत्र के माध्यम से करें।

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