महाराष्ट्र: देहज प्रथा को रोकने के लिए समाज में कई अहम कदम उठाए जा रहे है तो वहीं ये भी कहा जाता है जब तक लड़का और लड़की इसका विरोध करेंगे तब तक यह प्रथा बंद नहीं होगी। लेकिन जब स्कूल में आपको ये ही पढाया जाए तो आप क्या करेंगे। दरअसल, महाराष्ट्र के एक स्कूल में 12वीं कक्षा की सोशियोलॉजी की किताब में दहेज प्रथा को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। दिलचस्प बात यह है टीचर इसे पढ़ा भी रहे हैं।
12वीं कक्षा की सोशियोलॉजी की इस किताब में दहेज प्रथा की वजह लड़कियों की बदसूरती को बताया गया है। डीएनए में छपी खबर के मुताबिक, भारत की बड़ी सामाजिक समस्याएं नाम के चैप्टर में दहेज प्रथा की बात की गई है। इस चैप्टर में दहेज प्रथा को लेकर कुछ ऐसी बातें लिखी गई हैं।
‘अगर एक लड़की बदसूरत और अपंग है तो ये उसके परिवार के लिए एक मुसीबत बन जाती है। उसकी शादी के लिए उन्हें काफी परेशानियां उठानी पड़ती हैं। ऐसी लड़की से शादी करने के लिए दूल्हा और उसका परिवार ज्यादा दहेज की मांग करते हैं। ऐसी लड़की के माता-पिता को उनकी मांग के हिसाब से दहेज जुटाना पड़ता है। इससे समाज में दहेज प्रथा की प्रवृत्ति बढ़ती है।’
बता दें पिछले कुछ दिनों से सरकार और अन्य सामाजिक संस्थाएं इन कुरीतियों को जड़ से उखाड़ने पर जोर देने की जरूरत दे रही है। उनका कहना है कि आने वाली पीढ़ी को ये सिखाने की जरूरत है कि किसी का चेहरे और शारीरिक सुंदरता उतनी जरूरी नहीं, जितनी उनका स्वभाव और व्यवहार। ऐसे में महाराष्ट्र में मिल रही ये शिक्षा कई सवाल उठा रही है। साथ ही इस तरह की बातों को किताबों को शामिल करने पर गलत संदेश जाने का भी डर है।