इनकम टैक्स और RBI ने दी चेतावनी,कालेधन को दी अपने खातों में जगह तो होगी 7साल की जेल

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नई दिल्ली:  500 और 1000 रुपए के नोट बैन करने के बाद एकबार फिर आयकर विभाग और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कुछ महत्वपूर्ण ऐलान किए हैं। जहां आरबीआई ने बाजार में 10 रुपए के सिक्कों को लेकर फैली हुई अफवाहों पर स्थिति स्पष्ट की है वहीं इनकम टैक्स विभाग ने बैंक खातों में बड़ी रकम जमा करवा रहे लोगों को चेतावनी दी है।

कालेधन को ठिकाने लगाने की योजना बना रहे लोगों को आयकर विभान ने सख्त चेतावनी दी है। विभाग की ओर से कहा गया है कि इस मामले में नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बेनामी लेन-देन कानून के तहत आरोप लगाने का फैसला किया है, जिसमें जुर्माना व अधिकतम सात साल की कैद की सजा हो सकती है। आपको बता दें अगर आपने अपने खाते में किसी अन्य व्यक्ति धन राशि ली तो ये कार्यवाही आप पर भी हो सकती है।

नोटबंदी के बाद तेज गति से कार्य करते हुए आयकर विभाग ने ऐसे सैकड़ों लोगों से नकदी के ‘स्रोत’ की जानकारी मांगी है जिन्होंने आठ नवंबर के बाद अपने खाते में बड़ी मात्रा में 500 और 1000 के प्रतिबंधित नोट जमा कराए हैं। अधिकारियों ने बताया कि कर अधिकारियों ने देशभर में इस संबंध में जांच शुरू की है। उसने विभिन्न शहरों में आयकर कानून की धारा 133 (6) के तहत लोगों को ‘स्रोत’ की जानकारी देने के नोटिस जारी किए हैं। इस धारा के तहत विभाग लोगों से जानकारी मांग सकता है।

अधिकारियों ने बताया कि यह नोटिस उन लोगों को जारी किए गए हैं जिनके बारे में बैंकों ने खातों में ‘असाधारण या संदिग्ध मात्रा में नकदी जमा कराने’ की जानकारी विभाग को दी है। यह आम तौर पर ढाई लाख रुपये से अधिक की नकदी जमा करने पर जारी किए जा रहे हैं।

वहीं, रिजर्व बैंक ने 10 रुपये के नकली सिक्के के परिचालन में होने की अफवाह को खारिज करते हुए लागों से कहा कि इस बाबत झूठी अफवाहों पर ध्यान न दें। बता दें कि 10 रुपए के नकली सिक्कों के परिचालन में होने की अफवाह के बीच अक्सर यह होता है कि बाजार में इन सिक्कों को लेने से मना भी कर दिया जाता है और भ्रम का माहौल भी कायम रहता है। अब केंद्रीय बैंक ने सभी प्रकार के सौदों में बिना किसी झिझक के इन सिक्कों को स्वीकार करने को कहा है।

रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि ऐसी सूचना मिली है कि कुछ कम जानकार या गलत जानकारी रखने वाले लोग व्यापार, दुकानदार आदि समेत आम लोगों के बीच इस प्रकार के सिक्कों को लेकर संदेह खड़ा कर रहे हैं। इससे देश के कुछ भागों में इन सिक्कों का प्रचलन बाधित हो रहा है और इससे भ्रम की स्थिति बन रही थी।