हीरो बना जीरो: अरबों का मालिक राम रहीम अब करेंगा माली का काम

जिन्होंने पिता माना उनसे जंगली जानवरों जैसा बर्ताव करने वाले पर दया नहीं दिखा सकते -सीबीआई जज जगदीप सिंह, (फैसला सुनाते हुए)

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रोहतक: दो साध्वियों से दुष्कर्म के अपराधी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को सीबीआई कोर्ट ने सोमवार को 20 साल जेल की सजा सुनाई। जब सजा सुनाई गई तो बाबा राम रहीम कहता रहा- माफ कर दो। नौ पेज के ऑर्डर में जज ने कहा, ‘साध्वियां उसे पिता मानती थीं, लेकिन राम रहीम ने उनके साथ जंगली जानवरों जैसा बर्ताव किया। उस पर दया नहीं दिखा सकते।’

कोर्ट ने कहा कि ‘इस शख्स का इंसानियत से कोई लेना-देना नहीं है। उसने भोले अनुयायियों का यौन शोषण कर उनका भरोसा तोड़ा है।’ राम रहीम को दोनों मामलों में 10-10 साल की सजा हुई है। एक सजा पूरी होने के बाद दूसरी शुरू होगी। 30 लाख रु. जुर्माना भी देना होगा। जुर्माने में से 14-14 लाख साध्वियों को मिलेंगे। बाबा ने 1999 में साध्वियों से दुष्कर्म किया था। फैसले के खिलाफ डेरा हाईकोर्ट जाएगा।

डेरे बंद, मां-पत्नी श्रीगंगानगर पहुंचीं 
डेरेके खाते सील कर दिए हैं। राम रहीम की मां नसीब कौर और पत्नी हरजीत कौर सिरसा छोड़ श्रीगंगानगर में पैतृक गांव गुरुसर मोडिया गईं।

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कल कोर्ट रूम की ऐसी थी स्थिति:

  • बहस खत्म होते ही राम रहीम रोने लगा। कांपते हुए हाथ जोड़कर कहा- मुझे माफ कर दो। सजा सुनते ही जमीन पर पसरकर रोने लगा। बाहर जाने पर अड़ गया। बीमारी का बहाना बनाया। मेडिकल में बीपी अन्य सभी जांच नॉर्मल मिलीं।
  • नाटक फेलहोने पर तेवर बदले। कोर्ट से कहा कि जेल का खाना अच्छा नहीं है। फैसले के बाद मैंने चाय मांगी थी, लेकिन मुझे चाय भी नहीं दी गई। इस पर जज ने कहा- आपके साथ सामान्य कैदियों जैसा ही व्यवहार किया जाएगा।

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अरबों का मालिक करेंगा माली का काम 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रातभर राम रहीम जेल के बैरक में जागता रहा और इधर से उधर टहलता रहा। गुरमीत को खाने में 4 रोटी और सब्जी दी गई थी लेकिन आधी रोटी ही खाई। बता दें राम रहीम कैदी नंबर 1997 से कैदी नंबर 8647 दिया है। इसके अलावा अरबों की संपत्ति बनाने वाले राम रहीम को माली और फैक्ट्री में काम करना होगा। इसके लिए 40 रूपये दिए जाएगे।

जानें पूरा मामला

शुक्रवार को पंचकूला में सीबीआई जज जगदीप सिंह ने डेरा के प्रमुख राम रहीम को बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया था। डेरा प्रमुख को वर्ष 2002 में लिखी गई एक लिखित शिकायत के आधार पर दोषी करार दिया गया। इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उसने दो साध्वियों का यौन उत्पीड़न किया।

जानिए डेरे से जुड़े प्रमुख विवाद

  • 1998: डेरा की जीप तले एक बच्चा कुचला गया। गांववालों के साथ डेरे का विवाद हुआ। खबर छापने पर मीडियाकर्मियों को धमकाया गया। बाद में माफीनामे के साथ विवाद खत्म हो गया।
  • 2002: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाते हुए डेरे की एक साध्वी ने गुमनाम पत्र प्रधानमंत्री को भेजा।
  • 10 जुलाई, 2002: डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की हत्या।
  • 2003: रणजीत सिंह के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआइ जांच की मांग की थी।
  • 24 सितंबर 2002: हाईकोर्ट ने साध्वी यौन शोषण मामले में गुमनाम पत्र का संज्ञान लेते हुए डेरा सच्चा सौदा की सीबीआइ जांच के आदेश दिए।
  • 24 अक्तूबर 2002: सिरसा के सांध्य दैनिक ‘पूरा सच’ के संपादक रामचन्द्र छत्रपति को गोली मारी गई।
  • 16 नवंबर, 2002: सिरसा में मीडिया की महापंचायत बुलाई गई और डेरा सच्चा सौदा का बहिष्कार करने का प्रण लिया।
  • जनवरी 2003: पत्रकार छत्रपति के बेटे अंशुल ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सीबीआई जांच करवाने की मांग की।
  • 10 नवंबर, 2003: सीबीआइ को एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश जारी किए।
  • दिसंबर 2003: सीबीआई ने जांच शुरू कर दी. डेरा के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जांच पर रोक लगाने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने स्टे कर दिया।
  • नवंबर, 2004: दूसरे पक्ष की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने डेरा की याचिका खारिज कर दी। सीबीआई ने डेरा प्रमुख सहित कई अन्य लोगों को आरोपी बनाया।
  • मई, 2007: डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह ने गुरु गोबिंद सिंह जैसी वेशभूषा धारण कर फोटो खिंचवाए और उन्हें अखबारों में छपवाया।
  • 31 जुलाई, 2007: सीबीआई ने हत्या मामलों और साध्वी यौन शोषण मामले में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दिया। सीबीआई ने तीनों मामलों में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को मुख्य आरोपी बनाया। तीनों मामले पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में विचाराधीन हैं।

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