राजपूत समाज द्वारा महाराजा गंगा सिंह जी की 90 वीं  पुण्यतिथि बड़ी श्रदाभाव से मनाई

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हनुमानगढ़। टाउन में राजपूत समाज द्वारा महाराजा गंगा सिंह जी की 90 वीं  पुण्यतिथि बड़ी श्रदाभाव से मनाई गई । इस मौके पर ग्राम पंचायत रामसरा नारायण के सरपंच सरदारनी रमनदीप कौर धर्मपत्नी हरदीप सिंह रोड़ीकपूरा व महेंद्र सिंह राठौड़, रणवीर सिंह, शक्ति सिंह, हरमन सिंह, जरनैल सिंह, उदयभान सिंह ने महाराजा गंगा सिंह जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए । इस मौके पर महेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया महाराजा गंगा सिंह का जन्म 13 अक्टूबर 1880 को हुआ था यह बीकानेर के राजा लाल सिंह की तीसरी संतान थे इनके बड़े भाई थे, डूंगर सिंह् इनके बड़े भाई का असमय में देहात होने के कारण इन्हें बीकानेर का राजा बनाया गया 16 दिसंबर 1887 को महाराजा गंगा सिंह का राज्याभिषेक किया गया 7 साल की उम्र में यह बीकानेर के राजा बन गए थे महाराजा गंगा सिंह बीकानेर का राजकाज और अपनी पढ़ाई दोनों एक साथ संभालते थे,स्कूली पढ़ाई करने के बाद इन्होंने अजमेर  के विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी 1898 में इन्होंने मिलिट्री ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी इनके जीवन काल में इन्हें केसर. ए. हिंद के अलावा 14 अलग.अलग उपाधियों से नवाजा गया था, यह एकमात्र ऐसे राजा थे जो कि काशी विश्वविद्यालय के कुलपति रहे थे यदि महाराजा गंगा सिंह नहीं होते तो राजस्थान आज भी प्यासा और बंजर बनकर रह जाता उस समय जब लोगों को यह पता ही नहीं था कि नहर क्या होती है उस समय महाराजा गंगा सिंह बीकानेर के लिए नहर बनवा रहे थे । उन्होने महाराजा गंगा सिंह की वीरता के बारम में बताया.

जब 1910 में लंदन में ष्जॉर्ज पंचमष् का दरबार लगा हुआ था तब इस दरबार में महाराजा गंगा सिंह को बुलाया गया था जॉर्ज पंचम जानता था कि महाराजा गंगा सिंह मां करणी का बहुत बड़ा भक्त है इसके बाद जॉर्ज पंचम ने दरबार में एक पिंजरा मंगवाया उस पिंजरे में एक शेर दहाड़ रहा था जॉर्ज पंचम ने पूरे दरबार के सामने महाराजा गंगा सिंह को यह चुनौती दी कि आप इस शेर से लड़ कर दिखाओ तभी हम आपकी वीरता को मानेंगे महाराजा गंगा सिंह ने इस चुनौती को स्वीकार कर लिया उन्होंने पिंजरे में जाने से पहले हाथ जोड़कर मां करणी को याद किया पिंजरे में महाराजा गंगा सिंह को देखकर शेर जोर से दहाड़ने लगा जब शेर ने उन पर हमला किया तब गंगा सिंह ने एक ही बार में शेर को मार गिराया था जब उन्होंने शेर से युद्ध किया तब पूरे दरबार में चूड़ियों की आवाज सुनाई दे रही थी इस चमत्कार को देखकर दरबार में मौजूद सभी लोग हैरान रह गए सभी लोगों को यह समझ आ गया था कि मां करणी ने खुद युद्ध लड़ कर महाराजा गंगा सिंह के प्राण बचाए हैं ब्रिटिश के महारानी ने खुद ने इस गलती के लिए माफी मांगी थी । आज उनकी पुन्यतिथि पर हम उनको नमन कर श्रद्वाजंलि अर्पित करते है । इस मौके पर सरपंच ने गांव नाथावाली थेळड़ी में महाराजा गंगा सिंह के नाम का इन्डोर स्टेडियम बनाने कि घोषणा कि ।

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