जम्मू-कश्मीर क्या होगा, इस सवाल पर राजनाथ ने कहा- देखते जाइए, हम क्या करते है

जो समस्या 1947 से चल रही है, उसका चुटकियों में समाधान नहीं निकाला जा सकता।

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन साल पूरे होने पर राजनाथ ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेस रखी। इस दौरान उन्होंने अपने मंत्रालय के पिछले तीन साल के कामकाज की उपलब्धियों को लेकर बुकलेट जारी की। शनिवार को सिंह ने कामकाज का ब्योरा जारी करते हुए कहा कि पिछले तीन साल में देश के सुरक्षा हालात सुधरे हैं।

दुनिया का सबसे खूंखार आतंकी संगठन ISIS भारत में पैर नहीं जमा पाया।  उन्होंने कहा, “सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाक की ओर से होने वाली घुसपैठ में बीते छह महीने में 45% की कमी आई है। जम्मू-कश्मीर क्या होगा, इस सवाल पर राजनाथ ने कहा- देखते जाइए, हम क्या करते है।

कॉन्फ्रेस की मुख्य बातें:

राजनाथ ने कहा, “हम लोगों ने सिक्युरिटी प्रदान करने की पूरी कोशिश की है। जम्मू-कश्मीर की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। हमें जनता पर पूरा भरोसा है कि वहां पर हालात सामान्य करने में कामयाब होंगे।” “मुस्लिम जनसंख्या इतनी बड़ी होने के बावजूद ISIS यहां पैर नहीं जमा पाया।” “एनआईए के प्रयासों के चलते इंडियन मुजाहिदीन की कमर टूटी है। हम करीब 90 से ज्यादा आईएसआईएस सिम्पैथाइजर्स (हमदर्दी रखने वाले) को पकड़ने में कामयाब रहे हैं।””देश में स्थिति नियंत्रण में है। 2016 में दो आतंकी घटनाएं हुईं- एक पठानकोट में, दूसरी- गुरदासपुर में।”

उन्होंने कहा कि लेफ्ट विंग उग्रवादियों को खत्म करने के मामले में 65% इजाफा हुआ है। ऐसे उग्रवादयों के सरेंडर की संख्या में भी 185% की बढ़ोतरी हुई है। तीन साल में नॉर्थ ईस्ट में 52 उग्रवादियों को खत्म किया गया। 911 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया। पिछले तीन साल में एनआईए ने पूर्वोत्तर के उग्रवादियों को भी कमजोर कर दिया है।

  • राजनाथ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 2011 से 2013 तक 239 आतंकियों का सफाया किया गया था। 2014 से 2017 के बीच यह संख्या बढ़कर 368 हो गई।
    उन्होंने कहा कि सितंबर 2016 में आर्मी ने सर्जिकल स्ट्राइक किया, उसके बाद पाकिस्तान की ओर से होने वाली घुसपैठ में बीते छह महीने में 45% की कमी आई है। यह कर्मी 2015 के छह महीने के आंकड़ों की तुलना में है। मैं बता देना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर में हम पाक समर्थित आतंकवाद का खात्मा कर अमन कायम करेंगे।
    राजनाथ ने कहा कि हम जम्मू कश्मीर में नौकरियों के मौके दे रहे हैं। पहले कश्मीर में स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) के 25 हजार पद थे। ऐसे 10 हजार नए पद हम ने बनाए हैं। पहले एसपीओ को 3000 रुपए महीना दिया जाता था। अब इसे बढ़ाकर 6000 रुपए किया गया है।
    उन्होंने कहा कि मोदी की अगुआई में भारत का नाम विदेश में खासा बढ़ा है। अब हम कमजोर मुल्क नहीं रहे।
कश्मीर का हल चुटकियों में नहीं निकल सकता
घाटी में अलगाववादियों को टेरर फंडिंग मिलने के आरोपों पर राजनाथ ने कहा, ”जो समस्या 1947 से चल रही है, उसका चुटकियों में समाधान नहीं निकाला जा सकता। हम कश्मीर के मुस्तकबिल की राह में कायम हर पत्थर को हटाएंगे। कुदरत ने कश्मीर में जो नेमत दी है, वहां के लोगों के हाथों में जो सलाहियत दी है, उसे बरकरार रखेंगे। कुदरत ने कश्मीर के लोगों को हाथ पत्थर फेंकने के लिए नहीं दिए हैं।’’
“कश्मीर के मसले और वहां मौजूद अशांति का हल कैसे निकलेगा? इस सवाल पर राजनाथ ने कहा- हम क्या करेंगे, ये देखते जाइए। कश्मीर का पूरा हल निकालेंगे। कश्मीर की जनता को भरोसे में लेकर ही हम उसका समाधान निकालना चाहते हैं।” इस बारे में आगे भी जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार अपनी स्ट्रैटजी का खुलासा इस तरह की प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं करती।
पाकिस्तान नौजवानों को गुमराह कर रहा है
राजनाथ ने कहा, ”जब कश्मीर में बाढ़ आई तो सबसे पहले हमारे प्रधानमंत्री जी कश्मीर पहुंचे। पहली दिवाली भी उन्होंने कश्मीर में मनाई। जम्हूरियत में बातचीत से बड़े से बड़े मसलों का हल निकलता है। कुछ ताकतें पाकिस्तान की शह पर नौजवानों को गुमराह कर रही हैं। जो पाकिस्तान अपने पूर्वी इलाके बांग्लादेश, खैबर-पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान, सिंध को नहीं संभाल पाया, उस पाक की शह पर लोग क्यों गुमराह होते हैं, ये समझ से परे है।”
पत्थरबाजों से निपटने से जुड़े आर्मी चीफ के बयान पर राजनाथ ने कहा- हम कश्मीर के नौजवानों के हाथों में पत्थर नहीं देखना चाहते, बल्कि उनके हाथ में जो हुनर है, उसका इस्तेमाल करना चाहते हैं। लेकिन कुछ ताकतें उन्हें गुमराह करने और मुगालते में रखने का काम पाकिस्तान की शह पर कर रही हैं।