जब एक घोटाले ने तोड़ दी थीं राजीव गांधी और बिग बी दोस्ती

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नई दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। उनकी बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन से गहरी दोस्ती थी लेकिन बाद में दोनों के रिश्तों के बीच कड़वाहट आ गई। लेकिन इसकी वजह कुछ ही लोग जानते हैं। चलिए आपको बतातें हैं ऐसा क्या हुआ दोनों यार के बीच में..।

एक इंटरव्यू में अमिताभ ने अपनी और राजीव की पहली मुलाकात के बारे में बात करते हुए बताया था कि जब हम दोनों पहली बार मिले थे तब मैं 4 साल का था और राजीव 2 साल का। हम एक फैंसी ड्रेस कॉम्पीटीशन में बैंक रोड (इलाहाबाद में अमिताभ बच्चन का घर) पर थे। राजीव उस समय फ्रीडम फाइटर बना हुआ था। हम सब उस समय बहुत छोटे थे कि ये भी नहीं जानते थे कि पंड़ित जवाहर लाल नेहरू का नाती हमारे बीच मौजूद है।

कहा जाता है कि दोनों की दोस्ती इतनी गहरी थी कि जब राजीव पढ़ाई करने इंग्लैंड गए थे तो वहां से हमेशा अमिताभ को चिट्ठी लिखते थे। जब  राजीव जब इंग्लैंड से देश वापस आए तो अमिताभ के लिए जींस लेकर आए थे। अमिताभ को यह जींस बहुत पसंद आई और उन्होंने सालों तक इस जींस को पहना था।

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13 जनवरी 1968 सोनिया गांधी जब इटली से भारत आईं तब अमिताभ अमिताभ उन्हें एयरपोर्ट लेने गए थे। भारत आने के 43 दिन बाद सोनिया की शादी राजीव गांधी से हुई थी, इस दौरान सोनिया अमिताभ के घर उनके माता पिता के साथ ही रही थीं।

अमिताभ की फिल्म की शूटिंग के दौरान भी कई बार राजीव उनसे मिलने जाते थे। अमिताभ ने बताया था कि फिल्म ‘गंगा की सौगंध’ की शूटिंग के दौरान भी राजीव मुझसे मिलने जयपुर आए थे। दोनों की दोस्ती 70 के दशक में भी रही और 80 के दशक में भी। दोनों परिवार अक्सर एक-दूसरे के घर जाते थे। उस समय अमिताभ बच्चन की पॉलिटिक्स में आने की बातें होने लगी थीं।

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साल 1984 में अमिताभ राजनीति में उतर आए। आम चुनावों में अमिताभ इलाहाबाद सीट से उतरे और इन चुनावों में उन्होंने बड़े मार्जिन से जीत हासिल की। लेकिन अमिताभ का राजनीतिक करियर काफी छोटा रहा। बोफोर्स घोटाले को लेकर ऐसा बवाल मचा कि अमिताभ भी निशाने पर आने लगे। अमिताभ ने परेशान होकर 3 साल में ही इस्तीफा दे दिया।

राजीव को अमिताभ का यह फैसला नागवार गुजरा था। साल 1991 में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। इसके बाद दोनों परिवारों के बीच दूरियां शुरू हो गईं। बताया जाता है कि अमिताभ को उनकी कंपनी एबीसीएल में काफी घाटा हुआ। जिसमें अमर सिंह ने उनकी मदद की। इसके बाद अमिताभ की सपा से नजदीकी और कांग्रेस से दूरियां बढ़ने लगीं। साल 2004 में अमिताभ से दोनों परिवारों के रिश्तों के बारे में पूछा गया तो जवाब में आपको खामोशी ही मिलेगी।

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