अब हफ्ते में सिर्फ एक गोली दिलाएगी ‘टीबी बीमारी’ से निजात, जानें कहां और कैसे मिलेगी दवा

टीबी को लेकर नई खोज के साथ इलाज के तरीके बदल रहे हैं। नई दवाओं का प्रयोग दूसरी जगहों पर सफल रहा है। इसलिए इन दवाओं का उपयोग यहां भी करेंगे।

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प्रतीकात्मक तस्वीर

टीबी (TB) रोगियों को पूरी तरह से बीमारी से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार राजस्थान में एक पायलट प्रोजेक्ट लेकर आई है। इस प्रोजेक्ट के तहत राजस्थान में टीबी मरीजों के लिए (3 एचबी रेजिम) टेबलेट का कोर्स शुरू होगा। इसमें आइसोनाइजिन व रिफापेंटीन साल्ट बाली टेबलेट सप्ताह में एक ही बार लेनी होगी।

एक अनुमान के मुताबिक, टीबी रोगियों के इलाज में 6 माह तक लग जाते है लेकिन अब जो टेबलेट आई है उससे समय घटकर आधा यानी 3 माह रह जाएगा। इस दवा का फायदा ये भी बताया जा रहा है कि इससे किडनी और लीवर पर पड़ने वाले साइड इफेक्ट भी कम होगा।

केवल सरकारी दवाखाना पर मिलेगी टैबलेट
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. आशुतोष सिंघल ने बताया कि टीबी को लेकर नई खोज के साथ इलाज के तरीके बदल रहे हैं। नई दवाओं का प्रयोग दूसरी जगहों पर सफल रहा है। इसलिए इन दवाओं का उपयोग यहां भी करेंगे। एनटीपीई से आदेश मिलते ही उदयपुर के नए टीबी मरीजों को यह कोर्स देना शुरू करेंगे। इसमें आइसोनाइजिन और रिफापेंटीन साल्ट वाली टेबलेट सप्ताह में एक ही बार लेनी होगी।

यह दवाई केवल सरकारी दवाखाने पर मिलेगी। इस रोग के प्रथम स्तर ड्रग सेंसेटिव मरीजों को रोज लगने वाले केनामाइसिन इंजेक्शन पहले ही बंद किए जा चुके हैं। जबकि दूसरे स्तर ड्रग रेजिस्टेंस पेशेंट को भी ये इंजेक्शन इसी साल मार्च से नहीं लगा रहे।