पद्मावती के विरोध में जेल भरो आंदोलन की शुरूआत, चित्तौड़ दुर्ग में इतिहास पर डाला पर्दा

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राजस्थान: फिल्म पद्मावती का राजस्थान में विरोध तेज हो गया है। चित्तौड़गढ में फिल्म के विरोध में जेल भरो आंदोलन शुरू किया गया। राजपूत समाज के विभिन्न संगठनों के साथ ही सर्व समाज के लोगों ने गिरफ्तारी देकर फिल्म का विरोध किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने संजय लीला भंसाली, दीपिका पादुकोण सहित फिल्म के कई पोस्टर को जलाया।

इसके साथ रानी पद्मिनी के चित्र पर पुष्पांजलि के बाद लोग ‘जय जौहर जय चित्तौड़, ये दीवाने कहां चले, जेल चले-जेल चले’, ‘जय भवानी’, ‘हर-हर महादेव’ के जयकारें लगाए। मिली जानकारी के अनुसार, इस आंदोलन में 304 लोगों ने गिरफ्तारी दी। इसमें दो दर्जन महिलाएं भी शामिल थीं।

वहीं चित्तौड़गढ़ में इतिहास की जानकारी देने के लिए चित्तौड़ दुर्ग में रानी पद्मिनी महल के बाहर लगे सांस्कृतिक नोटिस बोर्ड पर पुरातत्व विभाग ने कपड़ा डाल दिया है। गत फरवरी में महल के अंदर लगे कांच भी फोड़ दिए गए थे, जिनमें खिलजी को पद्मावती का चेहरा दिखाने का दावा किया जाता था।

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इस बीच, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने फिल्म पद्मावती का नाम लिए बिना शनिवार को कहा कि हिंसा की धमकियां देना और शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने पर इनाम की घोषणा लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है। उधर, जयपुर में नाहरगढ़ किले की दीवार पर फंदे से लटके मिले युवक के शव के मामले में अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पुलिस अब तक यह नहीं बता पा रही है कि यह हत्या है या आत्महत्या।

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लोकतंत्र में धमकी देना या इनाम रखना मंजूर नहीं 
फिल्म पद्मावती पर जारी विवाद के बीच उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि हिंसा की धमकियां देना और शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने पर इनाम की घोषणा लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है। पद्मावती का नाम लिए बिना उन्होंने सभी फिल्मों और कला का जिक्र करते हुए यह टिप्पणी की। एक साहित्य समारोह में नायडू ने कहा, ‘कुछ फिल्मों को लेकर नई समस्या पैदा हो गई है। धर्म या समुदाय की भावनाएं आहत होने के नाम पर कुछ लोग प्रदर्शन करते हैं। कुछ लोग अतिरेक में बहकर इनाम घोषित कर देते हैं। मुझे संदेह है कि इनके पास इतनी रकम होती भी है या नहीं। हर कोई एक करोड़ रु. इनाम घोषित कर रहा है। क्या एक करोड़ रु. होना इतना आसान है?’ नायडू ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करना सबका अधिकार है। संबंधित अथॉरिटी के पास जाएं… लेकिन आप भौतिक अवरोध पैदा नहीं कर सकते। ही हिंसक धमकियां दे सकते हैं। कानून तोड़ें।

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बता दें , करणी सेना द्वारा शनिवार को भीलवाड़ा बंद का ऐलान किया गया। इस दौरान पेट्रोल पंप चाय की होटल भी नहीं खुली। मेडिकल स्टोर भी एक घंटे बंद रहे। कोर्ट में भी कामकाज प्रभावित रहा। बंद के दौरान कृषि उपज मंडी के पास दुकानदार से विवाद के बाद हंगामे की स्थिति बन गई। पुलिस ने लाठियां फटकार कर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा।

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