इन पांच जिलों को मिली बड़ी सौगात, इसी के साथ राजस्थान बना देश का पहला राज्य

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जयपुर: राजस्थान देश का सबसे बड़ा मदर मिल्क बैंक बनने जा रहा है। इस साल के अंत तक राजस्थान पहला ऐसा राज्य होगा, जहां 28 जिलों में मदर मिल्क होंगे। अभी राज्य 17 मदर मिल्क बैंक के साथ सर्वोच्च स्थान पर है। इसे देखते हुए पहली बार केंद्र सरकार ने पांच और जिलों में मदर मिल्क बैंक के लिए वित्तीय स्वीकृति दी है। वहीं राज्य सरकार भी अन्य चार जिलों में ये बैंक खोलेगी, ताकि नवजात को मां का दूध मिल सके और उनकी जान बचाई जा सके। प्रदेश में शिशु मृत्यु दर कम करने में मिल्क बैंक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

भारत सरकार ने प्रतापगढ़, जैसलमेर, झूंझुनू, नागौर, श्रीगंगानगर में मदर मिल्क बैंक के लिए चार करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। राज्य सरकार भी जोधपुर, कोटा, बीकानेर, झालावाड़ में इस वर्ष के अंत तक मदर मिल्क बैंक खोलने जा रही है। नागौर में भी इस माह के अंत तक मदर मिल्क बैंक खुल जाएगा। यहां मशीन, स्टाफ को लगाया जा चुका है और उद्घाटन किया जाना है।

22 प्रतिशत बच्चों की जान बचाता है मां का दूध
राज्य सलाहकार योग गुरु देवेंद्र अग्रवाल ने बताया कि मां के दूध की वजह से 100 में से 22 नवजात की जान को बचाया जा सकता है। साथ ही एनआईसीयू में होने वाली मौत को भी छह से आठ प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। किसी भी बीमार नवजात की चालीस प्रतिशत तक तेज रिकवरी होती है।

अभी यहां हैं मदर मिल्क बैंक
उदयपुर, भीलवाड़ा, टोंक, भरतपुर, चुरु, अलवर, बूंदी, चित्तौड़गढ़, बांसवाड़ा, बारां, राजसमंद, करोली, जालौर, सवाईमाधोपुर, बाड़मेर, धौलपुर, ब्यावर, जयपुर।

मां और नवजात के लिए ऐसे है फायदेमंद
-एक साल से कम उम्र के शिशु में डायरिया रोग से लड़ने की क्षमता कम होती है। मां का दूध उन्हें इस रोग से लड़ने की क्षमता देता है। मां के स्तन से पहली बार निकलने वाले दूध के साथ गाढ़ा पीले रंग का द्रव भी आता है, जिसे कोलोस्ट्रम कहते हैं। इससे शिशु को संक्रमण से बचने और उसकी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद मिलती है।

-एक माह से एक साल की उम्र में शिशु में अचानक शिशु मृत्यु संलक्षण का खतरा रहता है। मां का दूध शिशु को इससे बचाता है। जिन शिशु को टीकाकरण से ठीक पहले अथवा बाद में स्तनपान कराया जाता है, उनमें तकलीफ के कम लक्षण पाए जाते हैं।

-सुपाच्य होता है। इससे बच्चों पर चर्बी नहीं चढ़ती है। स्तनपान से जीवन के बाद के चरणों में रक्त कैंसर, मधुमेह और उच्च रक्तचाप का खतरा कम हो जाता है।

-बच्चों के दिमाग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होता है।

-मां का दूध शिशु को उसी तापमान में मिलता है, जो उसके शरीर का है। इससे शिशु का सर्दी नहीं लगती है
स्तनपान कराने से मां को गर्भावस्था के बाद होने वाली शिकायतों से मुक्ति मिल जाती है। इससे तनाव कम होता है और प्रसव के बाद होने वाले रक्तस्राव पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

-इससे माताओं को स्तन या गर्भाशय के कैंसर का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। इसके साथ ही स्तनपान एक प्राकृतिक गर्भ निरोधक है।

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