राजस्थान विद्युत संयुक्त समिति की बैठक, निजीकरण का किया पुरजोर विरोध

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हनुमानगढ़। राजस्थान विद्युत संयुक्त समिति की एक अहम बैठक गोलूवाला उपखंड में आयोजित की गई, जिसमें उपखंड के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में विद्युत विभाग के निजीकरण के प्रयासों के खिलाफ पुरजोर विरोध दर्ज किया गया। बैठक के दौरान सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने संघर्ष समिति को यह भरोसा दिलाया कि वे तन, मन और धन से इस लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने एकमत होकर कहा कि विद्युत विभाग का निजीकरण न केवल कर्मचारियों के लिए हानिकारक है, बल्कि आमजन के हितों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। हनुमानगढ़ से दिनेश, ओम गोदारा, जितेंद्र और महेंद्र ने गोलूवाला पहुंचकर बैठक में भाग लिया और कर्मचारियों को निजीकरण के खिलाफ चल रहे आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों को पंपलेट्स वितरित किए और आगामी 16 दिसंबर को जोधपुर में आयोजित विशाल प्रदर्शन में भाग लेने का आह्वान किया।

इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि विद्युत विभाग का निजीकरण आमजन के लिए बिजली की दरों में वृद्धि और सेवाओं की गुणवत्ता में गिरावट का कारण बनेगा। उन्होंने कर्मचारियों और अधिकारियों से अपील की कि वे इस आंदोलन में एकजुटता बनाए रखें और जोधपुर में होने वाले प्रदर्शन को सफल बनाएं। बैठक में उपस्थित सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने आंदोलन को सफल बनाने के लिए पूर्ण सहयोग का वादा किया। राजस्थान विद्युत संयुक्त समिति का यह कदम कर्मचारियों और जनता के हितों की रक्षा के लिए एक सशक्त संदेश है। इस मौके पर सहायक अभियंता महेंद्र प्रणामी, सुनील थोरी, धर्मेन्द्र, जितेन्द्र, राधेश्याम, गुरजंट, ओमप्रकाश, धर्मपाल, महावीर, श्यामसुन्दर, सुर्यप्रकाश, श्योपत व अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

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