BJP के इस दांव से हवा न हो जाए सचिन पायलट और कांग्रेस के सपनें!

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जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस और बीजेपी की साख दांव पर लगी है। विधानसभा चुनावों के ठीक 6 महीने बाद ही लोकसभा चुनाव होने हैं ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी अपने मजबूत दावेदारों को मैदान में उतार रही है। ऐसा ही एक नजारा राजस्थान की टोंक सीट पर देखने को मिला।

भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की पांचवीं लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट के मुताबिक प्रदेश सरकार में मंत्री यूनुस खान को पार्टी ने टोंक से उम्मीदवार बनाया है। मुस्लिम बहुल टोंक से सचिन पायलट को टक्कर देने के लिए युनूस खान को उतारना बीजेपी का बड़ा दांव है। बीजेपी पहले टोंक से मौजूदा विधायक अजित सिंह मेहता को टिकट देने वाली थी लेकिन सचिन पायलट के मैदान में उतरने के बाद उसने अपनी रणनीति ही बदल दी। अपने प्रत्याशी में बदलाव करते हुए आखिरी लिस्ट में टोंक से युनूस खान को टिकट दे दिया।

टोंक से यूनुस खान को टिकट देने से मुकाबला बेहद रोचक हो गया है। बीजेपी केंद्रीय कार्यालय की ओर से जारी पांचवी लिस्ट के अनुसार, यूनुस खान के अलावा कोटपुतली से मुकेश गोयल, बहरोड़ से मोहित यादव, करौली से ओ पी सैनी, केकड़ी से राजेन्द्र विनायक, डीडवाना से जितेन्द्र सिंह जोधा, खींवसर से रामचन्द्र उत्ता और खैरवाड़ा से नानालाल आहरी को उम्मीदवार बनाया गया है।

यूनुस खान की परंपरागत सीट डीडवाना है, लेकिन टोंक सीट से पायलट के मैदान में उतरने के बाद बीजेपी ने अपनी रणनीति बदलते हुए उन्हें टोंक से उतारा है। इससे पहले बीजेपी की पहली लिस्ट में 131 और दूसरी लिस्ट में 31 उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी। इसके बाद पार्टी ने 8 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था। झालरापाटन के मैदान में वसुंधरा राजे और मानवेंद्र सिंह आमने-सामने होंगे। बीजेपी ने अपनी चौथी लिस्ट में 24 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की। पार्टी ने सवाई माधोपुर से विधायक दीया कुमारी की जगह आशा कुमारी मीणा को टिकट दिया है।

आपको बता दें कांग्रेस ने अशोक गहलोत सरदारपुरा की सीट से तो सचिन पायलट टोंक से मैदान में हैं। खबर तो ये थी कि ये दोनों नेता चुनाव लड़ना ही नहीं चाहते हैं लेकिन राहुल गांधी और पार्टी के कारण उन्हें मैदान में उतारा गया है।  पिछले बीस साल से बीजेपी के पास सरदारपुरा सीट का तोड़ नहीं है।

राजस्थान की राजनीति पुराने दांवपेचों पर-
साल 2013 के विधानसभा और 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अल्पसंख्यक समुदाय को साधने के लिए मुस्लिम उम्मीदवार चुना था। 2014 के लोकसभा चुनाव में टोंक-सवाईमाधोपुर की सीट से पूर्व क्रिकेटर मो. अजहरुद्दीन को मैदान में उतारा था जिसके कारण बीजेपी के उम्मीदवार गुर्जर नेता सुखबीर सिंह जौनपुरिया से चुनाव हार गए थे। इस बार एकबार बीजेपी ने कांग्रेस का खेला पुराना दांव अजमाया है। सचिन पायलट जहां गुर्जरों को साधने के लिए तैयारी कर रहे हैं वहीं बीजेपी मुस्लिम को अपने हक में करने का दांव खेल चुकी है। अब देखना होगा बीजेपी इस दांव पर क्या टोंक में जीत हासिल कर सकती है या नहीं।

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