शाहपुरा शाहपुरा बरसात अधिक होने एवं नगर परिषद के द्वारा पानी की निकासी के इंतजाम पूरे नहीं किए जाने पर कच्ची बस्ती के लोगों के घरों में पानी भर गया है। जिससे घरों से बाहर निकलने में परेशानी उत्पन्न हो रही है। जानकारी में आया है कि नगर परिषद ने अत्यधिक पिछड़े वर्ग के लोगों को आवासीय पट्टे उपलब्ध करा दिए और लोगों ने कच्चे पक्के मकान बनाकर या झोपड़ी बनाकर कब्जे भी कर लिये हैं। नगर परिषद ने उस क्षेत्र के विकास की और ध्यान नहीं दिया। ने तो पक्की सड़के बनाई गई और ना ही बरसाती पानी के निकास के लिए नालियों का निर्माण किया। ऐसे में निचले तबके के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नगर परिषद को चाहिए था कि जो कॉलोनी बनाई जा रही है इसका पूर्ण विकास किया जाना चाहिए था।
उसके बाद पट्टे आवंटित किए जाने चाहिए थे। सरकार की मंशा यह रही कि लोगों के आवास की समस्या उत्पन्न ना हो इसके लिए योजनाएं बनाकर आवास विहीन लोगों को आवासीय पट्टे तो उपलब्ध कराए हैं लेकिन वहां पर विकास के नाम पर कुछ भी नहीं किया गया। न पक्की सड़के बनाई न नालियां बनाई और न ही बिजली पानी पहुंचाया। यानि कि पट्टे बांट कर वाह वाई जरूर लूटी है। लेकिन नगर परिषद ने विकास के कार्य क्यों नहीं करवाए यह सवाल पीड़ित लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं तथा नगर परिषद के विकास मद में आए हुए पैसे का उपयोग इस क्षेत्र के विकास के लिए क्यों नहीं किया गया। हर साल करोड़ों का बजट प्रस्ताव पारित होते हैं और पैसा खर्च हो जाता है तो फिर यह पैसा कौन से विकास में खर्च हो गया है। और इस क्षेत्र को विकास से वंचित रखा गया।जिसकी पीड़ा निचले तबके के लोग के लोग भोग रहे हैं।
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