पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर रोष मार्च निकालकर विरोध दर्ज करवाया

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हनुमानगढ़। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन राजस्थान ने गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन एसपीएस की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम का ऑप्शन देने की बजाय पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर रोष मार्च निकालकर विरोध दर्ज करवाया। प्रदर्शन के पश्चात जिला कलक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री को सौपे गये ज्ञापन में बताया कि हाल ही में आपके द्वारा एनपीएस की जगह यूनिफाइड पैशन स्कीम का ऑप्शन देने के लिए निर्णय लिया गया है जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होना है।

इस संदर्भ में इस देश का केंद्रीय और राज्य का कर्मचारी वर्षों से पुरानी पेंशन के लिए संघर्षरत है और पुरानी पेंशन के इतर किसी भी प्रकार की पेंशन स्कीम को स्वीकार नहीं करेगा। एनपीएस की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम का ऑप्शन देने के बजाय समस्त केंद्रीय कर्मचारियों की पुरानी पैशन लागू करें तथा राज्यों को भी उसे अपनाने के लिए प्रेरित करें। पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन राष्ट्रीय आह्वान के तहत राजस्थान के सभी जिला कलेक्टर के माध्यम से सभी केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों द्वारा पेंशन (ओपीएस) आक्रोश मार्च कर आपको यूपीएस/एनपीएस के स्थान पर देशभर में ओपीएस बहाली की एकसुत्री मांग का ज्ञापन निवेदित किया आ रहा है।

केंद्रीय कैबिनेट ‌द्वारा एक नई पेंशन योजना (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) को पारित किया गया है, जो पेंशन नियम 1972 के तहत नहीं है बल्कि एनपीएस की तरह एक फंड पोषित और अंशदान आधारित योजना है। सरकारी नोकरी का मुख्य आकर्षण बुढापे में सामाजिक सुरक्षा के तहत पैशन नियम 1972 अनुसार मिलने वाली सुपरिभाषित पुरानी पेंशन योजना है। देशभर के 90 प्रतिशत कर्मचारी एनपीएस/यूपीएस जैसी योजनाओं से सहमत नहीं है और वो पूरे सेवाकाल में अपने बुढ़ापे में आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा को लेकर चिंतित रहेगा। इसके अलावा एक तथ्य ये भी है कि न्च्ै योजना से देश के लगभग एक करोड़ लोगों का पूर्व में ही प्रतिमाह 28.5 प्रतिशत निवेश से देश के खजाने पर भारी आर्थिक बोझ आएगा जबकि ओपीएस पूर्व की तरह एक धारा में चलने वाली देश के कोष के लिए किफायती योजना है।

यूपीएस तथा ओपीएस दोनों स्कीम पर फिर से तुलनात्मक अध्ययन करते हुए आर्थिक, सामाजिक सुरक्षा को ध्यान रखते हुए मंथन किया जाना चाहिए और ये जानना चाहिए कि वर्तमान में कर्मचारी और देशहित में कोनसी योजना अच्छी है। देशभर के लाखो लाख कर्मचारी जब यूपीएस जैसी स्कीम से असहमत है तो इसे तुरंत वापिस लिया जाना चाहिए और ओपीएस को लागू करना चाहिए अन्यथा कर्मचारियों में भारी असंतोष उत्पन्न होगा जो न राज्य हित में है और न कर्मचारी हित में है। समस्त कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आन्दोलन राजस्थान के बैनर तले प्रदर्शन कर मांग की है कि पुनः आपसे लाखो लाख कर्मचारियों की ओर से मांग है कि पूरे देश में ओपीएस लागू की जाए। हमें उम्मीद है आप इस पर गंभीरता और संवेदनशीलता से विचार कर ओपीएस को लागू करेंगे।

आपके द्वारा देश के संवेदनशील विषयों पर सशक्त निर्णय करते आए है अतः इस संवेदनशील विषय पर भी सकारात्मक गौर करते हुए पुरानी पेंशन बहाल करें। इस मौके पर एनएमओपीएस जिला संयोजक हरिकृष्ण घासोलिया, जिला पर्यवेक्षक राममूर्ति स्वामी, ओपी नांदेवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष मंजू तरड , बेगराज खोथ,जोगेंदर मोठसरा, राज्य उपाध्यक्ष सुरेंद्र बेनीवाल, बलवंत पूनिया महेंद्र सिंह, कृपाल सिंह कुलदीप बिजारनीया रेस़ला महेंद्र सहारण,सुलतान ,हनुमान गोठवाल,,रमेश,रामप्रताप, रणवीर जाखड़ राजपुरोहित,अमरचंद मलकास,विनोद ,सुरेश कुमार,रामकुमार महिया,नरेंद्र भादू, भूप सिंह , सुरेंद्रसिंह, घनश्याम बेनीवाल, रघुवीर सिंह, धनराज, दिनेश खीचड राजेन्द्र बेनीवाल, नरेश बेनीवाल संयुक्त संघर्ष समिति सयोजक जय सिंह नोखवाल राम राम लुभाया तिन्ना सुखचण ओमप्रकाश नांदेवाल सुरेश जांगिड़ अशोक कुमार बलविंदर सिंह, देवीलाल सहारण, जगदीश स्वामी, भूराराम सहारण, राजेन्द्र पारिक, जगदीश गोदारा, जगदीश प्रसाद ढाका, दुलीचंद सुथार, सोमदत शर्मा, उगरसैन, अशोक शर्मा, महेंद्र ढाका,सुरेंद्र गिला,मोहर सिंह निरंजन  के साथ सैंकड़ों कर्मचारी शामिल हुए।

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