पृथ्वीराज रासो का हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान – रामप्रताप भाट

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-कवि चन्द्रवरदाई की 872 वीं जयंती पर भाट समाज द्वारा कार्यक्रम का आयोजन
हनुमानगढ़। 
सर्व भाट समाज हनुमानगढ़ द्वारा महान कवि राव चन्द्रवरदाई की 872 वीं जयंती जंक्शन दुर्गा मन्दिर धर्मशाला में धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक चौधरी विनोद कुमार, सभापति गणेशराज बंसल, विशिष्ट अतिथि उपसभापति अनिल खिचड़, बैबी हैप्पी मॉर्डन पीजी कॉलेज के निदेशक व पार्षद तरूण विजय, लक्ष्मण सांखला, संरक्षक व पूर्व डीवाईएसपी ,  रामगोपाल भट्ट, मानवाधिकार आयोग के सदस्य व पंचायत समिति डायरेक्टर कृष्ण भाट ,मनिराम कारगवाल, थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सर्व भाट समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामप्रताप भाट ने की। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर की गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष रामप्रताप भाट ने कवि चंदबरदाई के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पृथ्वीराज रासो का हिंदी साहित्य का प्रथम महाकाव्य  है। यह आदिकाल का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है। इसमें दिल्ली के अंतिम हिंदू सम्राट महाराज पृथ्वीराज चौहान के शौर्य और पराक्रमपूर्ण जीवन को चित्रित कर उनकी वीरता को प्रस्तुत किया गया है। पृथ्वीराजरासो को हिंदी साहित्य का प्रथम महाकाव्य और इसके लेखक  राव चंदबरदाई को हिंदी साहित्य के प्रथम महाकवि के रूप में स्वीकार किया जाता है। कार्यक्रम में समाज के प्रतिभाओं जिन्होने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कर समाज का नाम रोशन करने वालों को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में जिलाध्यक्ष विजय कुमार भाट ने आये हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उक्त आयोजन में रामस्वरूप भाटी, राजकुमार राठौड़, विनोद पटवारी, राकेश कुमार, सुरेंद्र चंडी, विजय टाक, रामलाल भाट, भूपेंद्र सहित समस्त कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा।

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