नई दिल्ली: 68वें रिपब्लिक डे के मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 1950 को हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र बने। लोगों ने संविधान को विश्वास दिया। हमारे लोकतंत्र के निर्माताओं की देन है कि पिछले कुछ समय में अस्थिरता के दौर में भी स्थिर रहा। गरीबी के अनुपात में दो तिहाई गिरावट आई है। आज हम दुनिया की मुख्य इकोनॉमी में एक हैं। देश कैशलेस की ओर बढ़ रहा है।
भाषण के मुख्य अंश-
- मुखर्जी ने कहा कि नोटबंदी ब्लैकमनी रोकने के लिए की गई थी। इससे कुछ वक्त के लिए इकोनॉमिक एक्टिविटीज की रफ्तार धीमी हो सकती है।
- सरकार ने कई नई पहल की हैं। जिनको समाज की बेहतरी को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है। देश को आतंकवाद और बाकी खतरों को सामना करना पड़ता है और हमारे जवानों ने इसका वीरता से मुकाबला किया है।
- हमें अपने लोगों की खुशहाली और बेहतरी को लोकनीति का हिस्सा बनाना चाहिए।
- प्रेसिडेंट ने कहा, जैसे-जैसे हमारे ट्रांजैक्शन कैशलेस होते जाएंगे, हमारी अर्थव्यवस्था में ट्रांस्पैरेंसी बढ़ेगी। हमारी अर्थव्यवस्था चुनौतीपूर्ण वैश्विक हालात में भी अच्छी तरह चल रही है। इसमें 7.2 की दर से वृद्धि हुई है।
- एजुकेशन के साथ टेक्नोलॉजी के साथ आगे बढ़ाना होगा। क्योंकि, ये वक्त के लिहाज से बहुत जरूरी है।
- प्रेसिडेंट ने कहा, “ हम आतंकवाद को दूर रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। इसके खिलाफ जल्द और निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए।
- एक अच्छे लोकतंत्र में सहनशीलता, धैर्य और एक दूसरे के लिए आदर का भाव होना जरूरी है। सरकार ने ऐसी कई योजनाएं शुरू की हैं जो समाज की भलाई के लिए हैं।
- हम दुनिया की सबसे तेजी से विकास करती अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं।