हनुमानगढ़। महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत आयोजित सप्तम पोषण पखवाड़ा के तहत जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। 34ए, 35ए, 35बी और 35सी केन्द्रों पर हुए इन कार्यक्रमों में गर्भवती महिलाओं की गोद भराई और छोटे बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना तथा समुदाय को पोषण के प्रति जागरूक करना रहा। इस अवसर पर चार माह से सात माह की गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म अदा की गई। यह परंपरा केवल सांस्कृतिक महत्व तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसके माध्यम से गर्भवती महिलाओं को संतुलित आहार, नियमित स्वास्थ्य जांच और प्रसवपूर्व देखभाल के महत्व की जानकारी दी गई।
वहीं, छह माह की आयु पूर्ण कर चुके बच्चों का खीर से अन्नप्राशन संस्कार कराया गया। कार्यक्रम में मौजूद माताओं को बताया गया कि छह माह तक बच्चों को केवल स्तनपान कराना चाहिए और उसके बाद धीरे-धीरे ऊपरी आहार शुरू करना चाहिए। उन्हें ऊपरी आहार के पोषणीय महत्व, सुरक्षित भोजन बनाने के तरीके और बच्चों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं के बारे में भी जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित विभागीय अधिकारियों ने महिलाओं को जीवन के पहले एक हजार दिनों के महत्व पर विशेष रूप से जागरूक किया। उन्होंने बताया कि यह समय शिशु के सम्पूर्ण विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान सही पोषण और देखभाल से बच्चों को कुपोषण से बचाया जा सकता है। साथ ही, पोषण ट्रैकर में लाभार्थी मॉड्यूल के उपयोग को प्रोत्साहित किया गया ताकि लाभार्थियों की निगरानी और पोषण स्थिति का आकलन बेहतर ढंग से किया जा सके।
सीएमएएम (कम्युनिटी बेस्ड मैनेजमेंट ऑफ एक्यूट मालन्यूट्रिशन) मॉड्यूल के माध्यम से कुपोषण प्रबंधन की जानकारी भी दी गई। बच्चों में बढ़ते मोटापे की समस्या को देखते हुए उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह दी गई, जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने पर जोर दिया गया।
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