यहां पढ़ें: 14वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन में क्या-क्या बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बेंगलुरु में 14वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस को संबोधित करके खुशी महसूस हो रही है। ये एक ऐसा पर्व है जिसमें होस्ट भी आप हैं और गेस्ट भी आप ही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि प्रवासी भारतीय जहां रहे, उन्होंने उस धरती को कर्मभूमि बनाया। वो जहां रहे, वहां का विकास किया। बेंगलुरू इंटरनेशनल एक्जीबिशन सेंटर में हो रहे इस आयोजन में दुनिया भर से 6000 से अधिक प्रवासी भारतीय हिस्सा ले रहे हैं। प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 2003 में वाजपेयी सरकार ने की थी।

उन्होंने कहा, प्रवासी भारतीयों ने देश की अर्थव्यवस्था में अमूल्य योगदान दिया है। हम प्रतिभा पलायन को प्रतिभा वापसी में बदलना चाहते हैं. प्रवासियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था में 69 अरब डॉलर का योगदान दिया है। ये भारतीय संस्कृति, प्रकृति और मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

मोदी ने कहा,  हजारों लाखों भाई बहनों, यूके, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, जापान, केन्या, मलेशिया और अन्य देशों रह कर भी भारत की तरक्की में सहयोग दे रहे हैं। प्रवासी भारतीय में देश के विकास के लिए अदम्य इच्छा शक्ति हैं। वो देश की प्रगति में सहयात्री हैं, हमारे विकास यात्रा में आप हमारे वैल्यूएबल पार्टनर हैं। कभी चर्चा होती है ब्रेन ड्रेन की। तब मैं लोगों को कहता था कि क्या बुद्धु लोग ही यहां बचे हैं। लेकिन आज मैं बड़े विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि वर्तमान सरकार ब्रेन ड्रेन को ब्रेन गेन में बदलना चाहते हैं।’

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘अप्रवासी भारतीय और भारतीय मूल के लोगों ने अपने चुने हुए क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है। सुरक्षित जाएं, प्रशिक्षित जाएं, विश्वास के साथ जाएं। हमारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जी ने सोशल मीडिया की मदद से विदेश में रह रहे व्यथित भारतीयों की बहुत शीघ्र मदद करने का काम किया है। वो श्रमिक जो विदेशों में आर्थिक अवसरों की तलाश के लिए जा रहे हैं, उन्हें असुविधा न हो इसके लिए अधिकतम सरलीकरण सुनिश्चित करने का हमने प्रयास किया है।’ उन्होंने कहा, हम जल्द एक स्किल डिवलेपमेंट प्रोग्राम ‘प्रवासी कौशल विकास योजना’ शुरू करेंगे. यह योजना उन भारतीय युवाओं के लिए होगी जो विदेशों में काम करना चाहते हैं।