डॉ. अंबेडकर जयंती पर गुरु रविदास मंदिर में हुआ प्रतिभा सम्मान समारोह

34

हनुमानगढ़। भारत रत्न, संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के पुरोधा डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के उपलक्ष्य में सोमवार को हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित गुरु रविदास मंदिर गुरूघर में प्रतिभा सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गों, समुदायों और धर्मों से जुड़े लोगों ने भाग लेकर बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी और उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि , विधायक गणेशराज बंसल, जिला प्रमुख कविता मेघवाल पार्षद बलराज दानेवालिया, पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ नवयुवक संघ अम्बेडकर दौलतराम कालवा, महावीर चौपड़ा, बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ,बेटी अपनाओ मुहिम के संचालक राजेश दादरी, नत्थूराम डागला, लालचंद गुडेसर सहित अन्य थे।
उक्त कार्यक्रम में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती आयोजन समिति, हनुमानगढ़ के तत्वावधान में किया गया, जिसमें जिलेभर से गणमान्य नागरिक, शिक्षाविद्, समाजसेवी, छात्र और युवा शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 107 प्रतिभावान विद्यार्थियों को स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। ये सभी छात्र-छात्राएं विभिन्न सामाजिक पृष्ठभूमियों से थे, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
विधायक गणेशराज बंसल ने अपने संबोधन में कहा, बाबा साहेब का जीवन हर युवा के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने सामाजिक न्याय, समानता और शिक्षा के क्षेत्र में जो कार्य किया, वह आज भी मार्गदर्शन करता है। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर समाज में समरसता कायम रखनी चाहिए।” उन्होने कहा कि मेरे कार्यकाल में नारायण नायक द्वारा अम्बेडकर चौक के नवनिर्माण व डिस्टिक पार्क को संविधान पार्क बनाने की मांग पुरजोर रूप से रखी गई थी। मेरे द्वारा पूरे समाज की भावनाओं की कदर करते हुए अम्बेडकर चौक को अत्याधुनिक रूप देते हुए बाबा साहेब की अष्टधातु की मूर्ति लगवाई गई और डिस्टिक पार्क को जिला संविधान पार्क का नाम देने के लिए प्रयास किया गया, जिसका परिणाम आपके समक्ष है। उन्होने कहा कि समाज द्वारा अगर भविष्य में कोई ओर मांग की जायेगी तो उसे तुरन्त प्रभाव से पूरा किया जायेगा।
आयोजन समिति सदस्य राजस्थान शिक्षक संघ (अंबेडकर) के जिलाध्यक्ष दीपक बारोटिया ने कहा, “शिक्षा ही समाज में क्रांति ला सकती है। आज का यह समारोह उन बच्चों के लिए प्रेरणा बनेगा, जो कठिनाइयों के बावजूद पढ़ाई कर रहे हैं। बाबा साहेब ने खुद शिक्षा को अपना सबसे बड़ा हथियार बताया था और सर्व समाज एकजुट होकर ही सम्पूर्ण भारत के विकास में सहयोग कर सकता है।
जन स्वाभिमान जागृति मंच के प्रदेशाध्यक्ष नारायण नायक ने कहा, “डॉ. अंबेडकर की विचारधारा किसी एक जाति या वर्ग तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने पूरे भारत के वंचितों, शोषितों और पीड़ितों को जागरूक किया। हमें उनके सिद्धांतों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना है।”
आयोजन समिति सदस्य रामपाल जाटव ने अपने संबोधन में कहा, डॉ. अंबेडकर ने जीवन भर समाज के पिछड़े वर्गों को शिक्षा और समानता के अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया। आज जब हम उनकी जयंती मना रहे हैं, तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम उनके दिखाए रास्ते पर चलें और शिक्षा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाएं। कार्यक्रम में उपस्थित अन्य प्रमुख व्यक्तियों में सुमेर सिंह, अजय सागर, राजेंद्र मांडिया, प्रेमाराम, मोहनलाल, दलीप बसेर, हेमचंद मंडियां, बलराज सिंह दानेवलिया, ओम मोसलपुरिया, संतोख सिंह, परविंद्र सिंह, मोहनलाल मांडिया, नरेश मांडिया, धर्मेश ढोसीवाल, राजेश जिलोइया, संदीप मेघवाल, बलकेश चंद्र सुमन, रामपाल जाटव, विजयपाल और पूर्ण सिंह मांडिया सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने डॉ. अंबेडकर के सामाजिक समरसता, भाईचारे और एकता के विचारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बाबा साहेब का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना स्वतंत्रता प्राप्ति के समय था। कार्यक्रम के समापन पर सभी ने एकजुट होकर यह संकल्प लिया कि वे बाबा साहेब के विचारों को समाज में फैलाएंगे और शिक्षा, समानता व सामाजिक न्याय की अलख को जलाए रखेंगे। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रेमाराम मेहरड़ा ने किया।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।