देश में प्रताप फिर पैदा होना चाहिए

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शाहपुरा-भीलवाड़ा। धनोप में दड़ा महोत्सव समिति द्वारा विराट हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें जाने-माने कलाकारों ने काव्य पाठ किया । कार्यक्रम के संरक्षक धनोप माता ट्रस्ट एवं दड़ा महोत्सव समिति अध्यक्ष ठाकुर सत्येंद्र सिंह राणावत, अध्यक्षता भामाशाह महावीर पालडेचा ने मां सरस्वती के चरणों में दीप प्रज्वलन से की । कवि सम्मेलन की शुरुआत केकड़ी से आए दिनेश तिवारी ने मां शारदे की वंदना से की । बनेड़ा से आए कवि मुकेश चेचाणी ने हास्य की मायरा कविता सुनाई । अगरपुरा से आए कवि नारायण भदाला ने मौसर पर व्यंग्य किया । सवाई माधोपुर से आए वीर रस के कवि गिरिधर अद्भुत ने जिस दिन तुमने हिंदुस्तानी रक्त उबलते देख लिया, पाकिस्तान भी गूंज उठेगा जय श्रीराम के नारों से सुनाई तो सभा में देशभक्ति का माहौल बन गया । हास्य के बम कमलेश शर्मा ने सबको अपनी हास्य रचनाओं से हंसा हंसा कर लोटपोट किया ।

सांगरिया से आए ओज के कवि परमेश्वर कुमावत ने वीरता, प्रखरता, जवानी भरी आंधियों से देश में प्रताप फिर पैदा होना चाहिए रचना से श्रोताओं में जोश भर दिया । केकड़ी से आए दिनेश तिवारी ने बताना दिल की सारी बात को इज़हार कहते हैं, यदि संबंध में हो स्वार्थ तो व्यापार कहते हैं । हास्य के एटम बम दीपक पारीक भीलवाड़ा ने अपने भविष्य के अक्सर अपने हाथों काले मत करो, बच्चों को संस्कार दो कम उम्र में मोबाइल के हवाले मत करो सुनाकर के वर्तमान पीढ़ी पर मोबाइल के दुरुपयोग पर व्यंग्य किया । विजयपुर से आए कवि अनिल व्यास ने एक कुत्ते ने कोशिश की है मां को आंख दिखाने की, गीदड़ की औकात हो गई शेरों से टकराने की रचना से समा बांध दी ।

कवि सम्मेलन में स्वागत संचालन कवि परमेश्वर कुमावत ने किया व कवि सम्मेलन का संचालन विजयपुर से आए पैरोडी कलाकार अनिल व्यास ने किया । कार्यक्रम में आयोजक मंडल के पप्पू पंचोली, महावीर बुरड़, ज्ञानचंद, सोहन लोढ़ा, कैलाश कीर, राजेंद्र अगीवाल, रमेश खाती, शिवराज सोनी, घीसा लाल कीर, मिश्री लाल माली, छोटू दास, कमलेश सालोलिया, राजेश पंडा, अभिषेक कलाल, धर्मी चंद सेन, जगदीश लोहार,भगवान लाल गोस्वामी आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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