नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने पूरे विश्व में तांडव मचाया हुआ है। सभी देश, प्रदेश और स्थानीय स्तर पर इससे बचने की पूरजोर कोशिश की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इसके बचाव के लिए लोगों को चेताया है और आने वाली लहर के बारे में चिंता जाहिर की है दूसरी तरफ कांवड़ यात्रा को अनुमति भी दी जा रही है। जानकारों का मानना है कि अगर इस यात्रा को अनुमति दी जा रही है तो आने वाला समय बड़ा ही घातक साबित हो सकता है क्योंकि इससे सोशल डिस्टेंस और मास्क जैसी आवश्यक गाइडलाइन की पालना नहीं हो सकती। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार जब तक देश की 70-80 प्रतिशत आबादी को वैक्सीन नहीं लग जाती है, तब तक ऐसे किसी भी आयोजन को अनुमति देने से बचना चाहिए। हरिद्वार कुंभ के आयोजन के पहले भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी, लेकिन धार्मिक मामला देख उत्तराखंड सरकार दबाव में आ गई और उसने कुंभ के आयोजन को अनुमति दे दी। इसका परिणाम हुआ कि हजारों साधु-संत और अन्य लोग इसकी चपेट में आए और कई अकाल मृत्यु के शिकार हुए। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर के संकट को देखते हुए इस वर्ष भी कांवड़ यात्रा को अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।
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