मोदी सरकार के द्वारा भष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए सार्थक कदम की आम जनता सराहना कर रही है। आपको बता दें बीते मंगलवार रात बारह बजे से देशभर में 500-1000 के नोट बैन कर दिए गए। हालांकि नए डिजाइन के साथ आरबीआई ने नए नोट जारी भी कर दिए है। क्रेंद सरकार के इस फैसले के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था को करीब 300 अरब रुपये का फायदा होगा।
इसके साथ ही महंगाई भी कम करने में मदद मिलेगी। मुंबई की एक ब्रोकरेज कंपनी एडेल्विज सिक्योरिटीज लिमिटेड ने अनुमान जाहिर किया है कि मोदी सरकार के इस कदम से 300 अरब रुपये (45 बिलियन डॉलर) सरकारी खजाने में आएंगे। यह राशि टैक्स चुकाने के डर से अभी तक दबा कर रखी गई थी। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्राइमरी डिलरशिप लिमिटेड को इससे भी ज्यादा धन आने की उम्मीद है। उसके अनुमानों के मुताबिक 460 अरब रुपये सरकारी खजाने में आएंगे।
हालांकि, अर्थशास्त्रियों के बीच इस मुद्दे पर मतभेद है कि सरकार के 500 और 1000 के नोट बैन की कार्रवाई से कितने राजस्व का फायदा होगा। एक अनुमान के मुताबिक इस कदम से अर्थव्यवस्था के चलन में 1780 अरब रुपये में से 86 फीसदी बैंकों में जमा हो जाएंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक इनमें से एक तिहाई कालाधन साबित हो जाएगा जिस पर कोई भी दावा नहीं कर पाएगा।
एडेल्विज सिक्योरिटीज लिमिटेड के विशेषज्ञ मनोज बहेती ने कहा कि नोट बैन से प्राप्त राजस्व का सरकार अब कई आर्थिक सुधारों के लिए कर सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार के इस कदम से रियल एस्टेट, ज्वैलरी और सीमेन्ट सेक्टर से पैसे निकाले जा सकते हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि लोगों के पास जब कम नकद राशि होगी तब लोगों की खरीद क्षमता कम होगी और ऐसे में बढ़ती महंगाई पर अंकुश लगाया जा सकेगा।