गुजरात में जश्न तो मध्यप्रदेश में मायूसी, पढ़ें सरदार सरोवर बांध का 56 साल पुराना इतिहास

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गुजरात: पीएम मोदी आज अपना 67वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री मां का आशीर्वाद लेने के साथ-साथ सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन किया। उन्होंने इस बांध को देश को समर्पित किया। इस बांध से जहां गुजरात के किसानों को सिंचाई का पानी मिलेगा तो वहीं मध्यप्रदेश के सैकड़ों गांवों का अस्तित्व मिट जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार पीएम आज 30 गेटों को खोलकर इसका उद्घाटन करेंगे।  नर्मदा नदी पर बनकर तैयार यह बांध दुनिया में दूसरे नंबर का और अपने देश का सबसे ऊंचा बांध है। बांध की ऊंचाई 138 मीटर है और इस ऊंचाई को पाने में सरदार सरोवर ने 56 साल के विवादों का लंबा सफर तय करते हुए आज इसका श्रीगणेश किया जाएगा।

मेधा पाटकर और उनके साथियों का सत्याग्रह-

नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटकर सहित 30 से ज्यादा महिलाएं जल सत्याग्रह कर रही हैं। उनका आरोप है कि बेहतर पुनर्वास किए बिना सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने से बड़ी संख्या में लोग विस्थापित होंगे। मेधा पाटकर ने कहा है कि जल समाधि ले लेंगे लेकिन इस जगह को खाली नहीं करेंगे। आपको बता दें सोशल मीडिया पर इस सत्याग्रह की कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं।

पानी में खड़े लोगों के हाथों में छाले तक पड़ चुके हैं। आपको बताते चले कि बांध के 30 गेट के खुलते ही मध्य प्रदेश के 192 गांव, महाराष्ट्र के 33 और गुजरात के 19 गांव नक्शे से मिट जाएंगे। मेधा ने कहा कि प्रधानमंत्री के जन्मदिन को धूमधाम से मनाने के लिए हजारों परिवारों की जलहत्या की तैयारी हो रही है। यह कैसा जश्न है कि एक तरफ लोग मरने की कगार पर होंगे। यह दिन देश के सबसे बुरे दिनों में से एक है।

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 किन राज्यों को मिलेगा लाभ-

138 मीटर ऊंचे सरदार सरोवर बांध की जल भंडारण क्षमता 4,25,780 करोड़ लीटर के आस-पास हो चुकी है। ये पानी पहले बह कर समुद्र में चला जाया करता था। अब इस पानी से गुजरात के हजारों गांवों के साथ महाराष्ट्र के 37, 500 हेक्टेयर इलाके तक सिंचाई की सुविधा मिलेगी। राजस्थान के दो सूखा प्रभावित जिले जालौर और बाड़मेर तक 2,46,000 हेक्टेयर जमीन को पानी मिलेगा। गुजरात के 9,633 गांवों तक पीने का पानी पहुंचेगा इसके साथ ही एमपी को भी लाभ मिलेगा। बताया जा रहा है कि बांध के पानी से 40 फीसदी ज्यादा बिजली पैदा की जाएगी।

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सरदार सरोवर बांध के बारें में-

यह 1.2 किलोमीटर लंबा बांध 163 मीटर गहरा है। इसे बनाने में 16,000 करोड़ से ज्यादा की कमाई हो चुकी है। हर एक गेट करीब 450 टन का है और इसे बंद करने में करीब एक घंटे का समय लगता है।

बिजली का सबसे अधिक 57% हिस्सा मध्य प्रदेश को मिलेगा। महाराष्ट्र को 27% और गुजरात को 16% बिजली मिलेगी। राजस्थान को सिर्फ पानी मिलेगा।

लोगों के विस्थापन का मुद्दा समय-समय पर उठता रहा है। एक अनुमान के मुताबिक 5 लाख से ज्यादा परिवार विस्थापन की समस्या से जूझ रहे हैं।

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सरदार पटेल ने नर्मदा नदी पर बांध बनाने की पहल 1945 में की थी। बाद में सरदार सरोवर बांध की नीव भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 5 अप्रैल, 1961 में रखी थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांध बनाने में 86.20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट लगा है। इससे पृथ्वी से चंद्रमा तक सड़क बनाई जा सकती थी।

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