डॉक्टर्स डे पर जिला अस्पताल में किया गया कार्यक्रम का आयोजन
हनुमानगढ़। डॉ बीसी रॉय के जन्मदिन और पुण्यतिथि 1 जुलाई को मनाए जाने वाले डॉक्टर्स डे पर बुधवार को जिला अस्पताल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि जिला कलक्टर श्री जाकिर हुसैन ने डॉक्टर्स डे पर सभी डॉक्टर्स को बधाई देते हुए कहा कि डॉक्टरी पेशा नोबल पेशा है। लोग डॉक्टर्स को आज भी इस धरती पर भगवान के समान ही मानते हैं। पीडि़क मरीज को जब डॉक्टर्स अच्छे से बात कर उसे ठीक होने की बात कहता है तो आधा तो मरीज डॉक्टर के दिए हौंसले से ही ठीक हो जाता है। उन्होने कहा कि कोरोना महामारी की लड़ाई में जिले के डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ ने बहुत अच्छा कार्य किया। उन्होने कहा कि गर्मी में मास्क पहनना मुश्किल हो जाता है। जबकि डॉक्टर्स पीपीई किट पहन कर लोगों के सैंपल लेते हैं। ये आसान कार्य नहीं है। कोरोना को लेकर जिले में पीएमओ और सीएमएचओ की टीम ने बहुत अच्छा कार्य किया है। एसपी श्रीमती राशि डोगरा ने कहा कि कोरोना काल में डॉक्टर्स ने जिस तरह जिले में कार्य किया। उनकी जितनी प्रंशसा की जाए कम है। डॉक्टर्स हमेशा फ्रंट लाइन वॉरियर्स के रूप में कार्य करते नजर आए। पीएमओ और सीएमएचओ ने पुलिस को मास्क इत्यादि उपलब्ध करवाने में भी पूरा सहयोग किया। पीआरओ श्री सुरेश बिश्नोई ने कहा कि इस बार डॉक्टर्स डे पर कोरोना से मृत्यु पर जीरो टोलरेंस की थीम है। यानि कोरोना से किसी की मृत्यु ना हो। ये थीम हनुमानगढ़ में सार्थक हो रही है। जिले में एक भी कोरोना मरीज की मृत्यु नहीं हुई है। इसमें जिले के डॉक्टर्स का बड़ा योगदान है।
आईएमए प्रेसीडेंट निशांत बत्रा ने कहा कि कोरोना काल में हमें मास्क लगाने और सैनेटाइजर के इस्तेमाल का सदैव ख्याल रखना है।इसमें किसी प्रकार की कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। उन्होने अपने संबोधन से पहले स्टॉफ से सैनेटाइजर मांगा। सैनेटाइजर से हाथ साफ करने के बाद माइक पकड़ा। पीएमओ डॉ एम पी शर्मा ने डॉ कीसी रॉय के बारे में बताए कि उन्होने इग्लैंड के रॉयल कॉलेज से सर्जरी और मेडिसिन दोनों में पीजी (एफआरसीएस और एमआरसीपी)की थी। खास बात ये कि वे पश्चिमीै बंगाल के 14 साल तक मुख्यमंत्री रहे लेकिन बावजूद इसके प्रतिदिन दो घंटे वे मरीज देखते थे। उनका चिकित्सीय पेशे के प्रति गहरा लगाव था। मरने से एक घंटे पहले भी उन्होने 10 मरीज देखे। उनसे हम सभी चिकित्सकों प्रेरणा लेनी चाहिए।सीएमएचओ डॉ अरूण चमडि़या ने कहा कि डॉ बीसी रॉय को हम सब याद कर रहे हैं। उनसे हमें सीख लेनी चाहिए कि किस प्रकार चिकित्सकीय पेशे के प्रति जुनून के साथ कार्य किया जाए। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ पारस जैन ने डॉ बीसी रॉय के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि उन्हे 1961 में भारत रत्न से नवाजा गया। वे महात्मा गांधी के पारिवारिक डॉक्टर होने के साथ साथ उनके मित्र भी थे। पश्चिमी बंगाल का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होने पांच शहर भी बसाए। डॉ जैन ने उनके चिकित्सकीय पेशे के प्रति लगाव लोकर कहा कि आज भी चिकित्सकों को मरीजों के साथ व्यवहार और उनका हौंसला अफजाई इत्यादि को लेकर डॉ बीसी रॉय से सीख लेनी चाहिए। और खास बात ये भी उन्होने अपनी पूरी संपत्ति ट्रस्ट को दान दे दी थी। मंच संचालन डॉ शिप्रा शर्मा और डॉ राजवेन्द्र कौर ने किया। इस अवसर पर डॉ एचपी रोहिल्ला, डॉ गौरीशंकर गुप्ता, डॉ शंकर सोनी, डॉ ज्योति धींगड़ा, डॉ जगतार सिंह खोसा, डॉ महेन्द्र सिंह राठौड़, डॉ वेदपाल बिजारणियां, डॉ संदीप भाखर, डॉ कैलाश शर्मा, डॉ डीसी खत्री, डॉ अशोक खाती, डॉ विनीत गौतम, डॉ अमृतपाल सिंह, डॉ श्रवण सिहाग डॉ भवानी ऐरन डॉ मनोज शर्मा, डॉ राजेन्द्र कुमावत, डॉ बृजेश गौड़ आदि उपस्थित थे।