ग्राम पंचायत की अव्यवस्थाओं से परेशान हो लामबंद हुए लोग

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संवाददाता भीलवाड़ा। रायला ग्राम पंचायत क्षेत्र में अव्यवस्थाओं का आलम छा रहा है लोगों को समय पर पानी नहीं मिल रहा है वही नालियों की दुर्दशा हो रही है ग्राम पंचायत और राजस्व विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध खनन और अवैध अतिक्रमण के शिकायतें होने के बाद भी न तो अवैध खनन पर अंकुश लगाया गया और ना ही अवैध अतिक्रमण पर रोक लगाई जा रही है। जिससे अतिक्रमी दिनोंदिन अपने अतिक्रमण की सीमाएं बढ़ाए जा रहे हैं जिससे लोगों में काफी रोष है।ग्राम पंचायत से लेकर उपखंड स्तर तक कोई सुनवाई नहीं होती है। यहां तक कि सुगम पोर्टल पर दर्ज कराए गए परिवादों में भी निस्तारण नहीं कर झुंटी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाती है। परिवादी संतुष्ट नहीं होते हैं। यहां तक की सुगम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने वालों को भी धमकियां मिलती है।इसी पीड़ा को महसूस करते हुए ग्राम वासियों ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन प्रस्तुत किया है कि रायला ग्राम पंचायत में पनप रहे अवैध अतिक्रमण को हटवाया जाए अवैध खनन को रोका जाए ग्राम वासियों ने बताया कि जल जीवन मिशन योजना मैं 3•70 करोड़ रुपैया रायला ग्राम पंचायत के लिए स्वीकृत हुए हैं लेकिन अभी तक इस पर कोई काम शुरू नहीं किया गया है। जिससे सरकार द्वारा चलाई जाने वाली जल जीवन योजना का उद्देश्य पूरा होता नहीं दिख रहा है लोगों ने यहां तो कहा है कि नरेगा के अंदर भी भारी भ्रष्टाचार और घोटाला हो रहा है लोगों से 200 ₹200 जेसीबी चलाने के वसूल किए जाते हैं।लोगों के पट्टे जारी नहीं किए जा रहे हैं पट्टों की पहले से लगी हुई फाइलों पर कोई विचार नहीं किया गया और ग्राम पंचायत नया पट्टों की लिस्ट जारी कर लोगों से अनापत्ति मांगी गई है । इस लिस्ट में सरपंच और सचिव के रिश्तेदारों के नाम तक है। जबकि पहले से ही पट्टे बने हुए हैं और जरूरतमंद लोगों के पट्टे जारी नहीं किए जा रहे हैं पूर्व में भी इस संबंध में अमृत लाल जीनगर द्वारा शिकायत की गई थी लेकिन मामला दबा ही रह गया ऐसे में वास्तविक लाभार्थियों को लाभ नहीं मिल सका। आज भी लोग पट्टों के लिए घूम रहे हैं। लोग सचिव के पास काम ले कर जाते हैं तो सरपंच साहब का नाम ले लेते हैं और जब सरपंच साहब के पास जाते हैं तो सचिव साहब का नाम ले लेते हैं। लोगों के काम नहीं हो रहे हैं। ग्राम पंचायत में पद और सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। ऐसे में जनता के हित की बात और विकास की बात तो कोसों दूर होती जा रही है। सरपंच के चुनाव में खड़े होने की वक्त जो लोगों से वादे किए थे उन वादों पर वर्तमान सरपंच खरे नहीं उतर रहे हैं। जहां जरूरत नहीं है वहां पर सड़कें बनाई जा रही है यहां तक कि तालाब के पेटे में तो कभी भी जरूरत नहीं थी इसके बावजूद इस तालाब के पेटे में नरेगा के तहत सड़क बना दी गई है। जिसका कोई उपयोग नहीं होगा,अगर तालाब में पानी भरता है तो वह सड़क पानी में ही डूब जाएगी । ऐसे में सरकार का पैसा व्यर्थ ही चला जाएगा। लोगों ने कहा है कि क्यों ना ऐसे कामों पर रोक लगाई जाए जिससे सरकार का पैसा बर्बाद होता हो।
वैसे सरपंच तो यहां महिला है लेकिन सारा कारोबार महिला के पति ही संभालते हैं जोकि पंचायती राज अधिनियम के विरुद्ध है। लेकिन कोई रोक टोक करने वाला नहीं है। सरेआम पंचायती राज अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है। गांव का एक प्रतिनिधि मंडल शिकायत का पुलिंदा लेकर मुख्यमंत्री को शिकायत करेगा।

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