पलानीस्वामी ने हासिल किया विश्वास मत, पक्ष में पड़े 122 वोट

0
342

तमिलनाडु: शनिवार को तमिलनाडु विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव को लेकर जमकर हंगामा हुआ। इसके बावजूद 3 बजे वोटिंग शुरू हुई और नए सीएम ई. पलानीस्वामी ने विश्वास मत जीत लिया।  122 विधायकों ने पलानीस्वामी पक्ष में वोट किया। जबकि AIADMK के विद्रोही नेता ओ. पन्नीरसेल्वम को सिर्फ 11 वोट मिले। इससे पहले सीक्रेट बैलेट की मांग को लेकर हंगामा कर रहे डीएमके के 89 विधायकों को असेंबली से बाहर निकाल दिया गया। वोटिंग के दौरान सिर्फ AIADMK के विधायक मौजूद थे। बता दें कांग्रेस विधायकों ने विश्वास मत से पहले वॉक आउट किया।

पहली बार हुआ ऐसा कि बुलानी पड़ी पुलिस

  • असेंबली में तीन बातें पहली बार हुईं। पहला- विधायकों ने स्पीकर ओ. धनपाल से जमकर धक्कामुक्की की। उनकी शर्ट तक फाड़ दी।
  • दूसरा- दो-दो विधायक उनकी कुर्सी पर भी जा बैठे। बाद में मार्शल्स ने घेरा बनाकर स्पीकर को सुरक्षित बाहर निकाला।
  • तीसरा- स्पीकर को डीएमके विधायकों को बाहर करने के लिए असेंबली कैम्पस में पुलिस बुलानी पड़ी।

क्यों हुआ इतना हंगामा:

वोटिंग से ठीक पहले विधानसभा स्पीकर पी. धनपाल ने सीक्रेट बैलेट की मांग को ठुकरा दिया। पी. धनपाल ने कहा कि कैसे वोट किया जाए इस बारे में मेरे फैसले पर कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकता है। इसके बाद डीएमके विधायकों ने स्पीकर के सामने की टेबल तोड़ दी, कागज फाड़ दिए और विधानसभा के प्रेस कक्ष में रखे ऑडियो स्पीकर का कनेक्शन काट दिया। (वीडियो देखने के लिए यहां किल्क कीजिए)

तमिलनाडु असेंबली में अभी क्या है स्थिति?
  • विधानसभा में कुल 234 सीटें हैं। AIADMK के पास 135 और डीएमके पास 89 सीटें हैं।
  • जयललिता के निधन के बाद उनकी सीट खाली है। कांग्रेस के पास 8 सीट और मुस्लिम लीग के पास एक सीट है।
1987 पहला फ्लोर टेस्ट हुआ था?
– एमजीआर का निधन दिसंबर 1987 में हुआ था। इसके बाद AIADMK में फूट हो गई।
– इस फूट के बाद एक धड़ा जयललिता का था जो एमजीआर की करीबी थीं। दूसरा धड़ा जानकी रामचंद्रन का था जो एमजीआर की पत्नी थीं।
– जनवरी 1988 में फ्लोर टेस्ट हुआ। स्पीकर पीएच पांडियन ने AIADMK के कई विधायकों को डिसक्वालिफाई कर दिया।
– इस फ्लोर टेस्ट में अपोजिशन ने बायकॉट कर दिया। इसके चलते जानकी रामचंद्रन ने फ्लोर टेस्ट जीत लिया।
– हालांकि, जानकी सत्ता में नहीं रह पाईं। फ्लोर टेस्ट के दो दिन बाद केंद्र ने वहां राष्ट्रपति शासन लगवा दिया

आजादी के 70 साल बाद भी अंधेरे में यूपी का यह गांव, मतदान बहिष्‍कार का ऐलान

(खबर कैसी लगी बताएं जरूर। आप हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो भी कर सकते हैं)