1,000 से अधिक बच्चों के साथ उनके ही घरों में छेड़छाड़, केरल रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े

चाइल्ड पैनल की रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि POCSO मामलों में 93 फीसदी आरोपी पुरुष थे, जबकि दो फीसदी महिलाएं थीं।

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केरल बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Kerala Child Rights Body) ने बताया है कि पिछले साल 1,000 से अधिक बच्चों के साथ उनके ही घरों में छेड़छाड़ की गई। आयोग की 2022-23 की सालाना रिपोर्ट बताती है कि साल 2022 के दौरान यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो)  के तहत राज्य में दर्ज किए गए कुल 4,582 मामलों में से अपराध की 1,004 घटनाएं सर्वाइवर के घरों पर हुई थीं।

722 मामलों में अपराध अभियुक्त के घर पर हुआ, जबकि 648 मामलों में यह विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर। रिपोर्ट के मुताबिक, इसके साथ बच्चे स्कूलों में (133 केस), वाहनों में (102 केस), होटल/लॉज (99 केस), धार्मिक संस्थानों (60 मामले), अस्पतालों (29 मामले) में भी छेड़छाड़ का शिकार हुए।

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रिपोर्ट किए गए कुल मामलों में से अधिकांश तिरुवनंतपुरम (583) से थे, जबकि कम संख्या पथनमथिट्टा (189) से रिपोर्ट की गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल बचे 4,642 लोगों में से 4008 लड़कियां और 578 लड़के थे, आंकड़े बताते हैं कि लड़कियों को यौन उत्पीड़न का अधिक शिकार होना पड़ा।

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आरोपियों में 16 फीसदी प्रेमी-प्रेमिका, 12 फीसदी पड़ोसी, 9 फीसदी परिवार के सदस्य, 8 फीसदी रिश्तेदार और 3 फीसदी शिक्षक थे। जीवित बचे लोगों में से अधिकांश 15-18 वर्ष (2563 बच्चे) के आयु वर्ग के पाए गए। 55 जीवित बचे लोग थे जो 0-4 वर्ष की आयु वर्ग के थे। चाइल्ड पैनल की रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि POCSO मामलों में 93 फीसदी आरोपी पुरुष थे, जबकि दो फीसदी महिलाएं थीं।

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