देश की अदालतों में 2 लाख से अधिक मामले 25 साल से लंबित: रंजन गोगोई

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असम: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने लंबित मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि देश की अदालतों में दो लाख से अधिक मामले 25 साल से लंबित हैं, जबकि एक हजार से अधिक मामलों का निपटारा 50 साल बाद भी नहीं हो पाया है।

उन्होंने कहा कि करीब 90 लाख लंबित दीवानी मामलों में से 20 लाख से अधिक ऐेसे मामले हैं जिनमें अभी तक सम्मन तक तामील नहीं हुआ है। जस्टिस गोगोई ने कहा, ‘देश में दीवानी मामलों का यह लगभग 23 फीसदी है। फौजदारी मामलों में आंकड़ा और भी खराब है। फौजदारी के 2.10 करोड़ लंबित मामलों में से सम्मन के स्तर पर लंबित मामलों की संख्या एक करोड़ से अधिक है।’

बिजनेस लाइन के मुताबिक, जस्टिस गोगोई ने असम में आयोजित एक समारोह के दौरा ये बताया। उन्होंने कहा, इतनी बड़ी संख्या में मामलों के लंबित होने को लेकर न्यायपालिका को आलोचना का सामना करना पड़ता है, लेकिन विलंब के लिए केवल न्यायपालिका ही पूरी तरह जिम्मेदार नहीं है, बल्कि न्याय प्रदान करने वाली व्यवस्था में कार्यपालिका की भी कुछ जिम्मेदारी बनती है।

गोगोई  ने कहा, ‘यदि सम्मन तामील नहीं हुए हैं तो मेरे न्यायाधीश किस तरह मुकदमा शुरू कर सकते हैं? यह कार्यपालिका से मेरा सवाल है. सम्मन तामील कराना पूरी तरह कार्यपालिका पर निर्भर है।’

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