हनुमानगढ़ टाउन की फाटक गौशाला ( गो सेवा सदन) बरकत कॉलोनी हनुमान गढ़ टाउन में आज मौनी अमावस्या पर हवन यज्ञ, गौ पूजन व गौ माता की आरती का आयोजन किया गया । इस मौके पर गोशाला अध्यक्ष मुरली अग्रवाल ने बताया आज मौनी अमावस्या होने पर प्रातः गोसेवकों द्वारा गोशाला में साफ सफाई की उसके पश्चात पंडित राधेश्याम शास्त्री द्वारा पूजा अर्चना मंत्रोचारणों के साथ विधिविधान से करवाया व अंत मे गो माता की आरती कर पूर्णाहूति दी । इस मौके पर गौसेवक मीरा देवी ने बताया आज मौनी अमावस्या पर्व है। मौनी अमावस्या के दिन सूर्य तथा चन्द्रमा गोचरवश मकर राशि में आते हैं इसलिए यह दिन एक संपूर्ण शक्ति से भरा हुआ और पावन अवसर बन जाता है। इस दिन मनु ऋषि का जन्म भी माना जाता है, इसलिए भी इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है।
मकर राशि, सूर्य तथा चन्द्रमा का योग इसी दिन होता है अतः इस अमावस्या का महत्व और बढ़ जाता है। इस दिन पवित्र नदियों व तीर्थ स्थलों में स्नान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन मौन व्रत धारण करके ही स्नान करना चाहिए। वाणी को नियंत्रित करने के लिए यह शुभ दिन होता है। मौनी अमावस्या को स्नान आदि करने के बाद मौन व्रत रखकर एकांत स्थल पर जाप आदि करना चाहिए, इससे चित्त की शुद्धि होती है, आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है। इस दिन गंगा स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के समान फल मिलता समान है।
इस दिन व्यक्ति प्रण करें कि वह झूठ, छल-कपट आदि की बातें नहीं करेगें। इस दिन से व्यक्ति को सभी व्यर्थ की बातों से दूर रहकर अपने मन को सबल बनाने की कोशिश करनी चाहिए। इससे मन शांत रहता है तथा शांत मन शरीर को सबल बनाता है। व्यक्ति को इस दिन ब्रह्मदेव तथा माँ गायत्री का जाप अथवा पाठ करना चाहिए। मंत्रोच्चारण के साथ अथवा श्रद्धा-भक्ति के साथ दान करना चाहिए। दान में गाय, स्वर्ण, छाता, वस्त्र, बिस्तर तथा अन्य उपयोगी वस्तुएं अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करनी चाहिए व गौ माता कि पुजा व सेवा करने से मन चाहा फल कि प्राप्ति होती है। इस मौके पर गौशाला अध्यक्ष ने कहा फाटक गोशाला (श्री गो सेवा संस्थान) में बीमार गौवंश के स्वस्थ होने की कामना का लेकर हर अमावस्या को हवन यज्ञ किया जा है। उन्होंने बताया फाटक गोशाला में शहर के गोसेवकों के जनसहयोग से शहर में घूम रहे असहाय,बीमार, पॉलीथिन व सड़ी गली आहार खाने को मजबूर गौवंश का ईलाज किया जा रहा है ।
इस मौके पर मनोज सरावगी, रितु रानी, आनंद सरावगी, सरला रानी, पवन गर्ग, पुष्पा रानी, मंगत गर्ग,राजेन्द्र ,सत्यनारायाण राजपुरोहित,महैन्द्र छाबड़ा,रजत,मुरलीधर गर्ग,रीटा चावला,सपना सरावगी,पुष्पा देवी, ललिता, रेखा राजपुरोहित,मीराकमला देवी, कृष्णा देवी, अंकूर गर्ग, पवन कंडा,प्रिया ग्रेवाल ने हवन यज्ञ में पूर्णाहुति डाली । हवन के पश्चात संत हरी दास जी ने मौनी अमावस्या के बारे में विस्तार से प्रवचन दी
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