गुरु अर्जुन देव जी का शहीदी दिवस पर विशाल समागम का आयोजन किया

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हनुमानगढ़। जंक्शन स्थित गुरूद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह जी में सिखों के पांचवें गुरु गुरु अर्जुन देव का शहीदी दिवस पर विशाल समागम का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा साहब के मुख्य सेवादार भाई जरनैल सिंह मूती एवं मास्टर सुरेंद्र सिंह जी ने बताया कि बताया कि सवा महीने से संगत रूप में श्री सुखमणि साहब जी के पाठ किए जा रहे थे और आज गुरु अर्जुन देव जी के शहीदी दहाड़े पर विशेष दीवान सजाए गए जिसमें भाई साहब भाई गुरप्रीत सिंह जी खालसा  भाई ज्वाला सिंह जी,भाई जसवंत सिंह जी रागी ने संगतों को कथा कीर्तन द्वारा निहाल किया। उन्होने बताया कि प्रातः 8 बजे क्षेत्र की सुख स्मृद्धि व खुशहाली की अरदास के साथ श्रीसुखमणी साहिब के पाठ के भोग डाले गये जिसके पश्चात विशाल समागम का आयोजन किया गया। समागम में कविश्री जत्था व गुणीज्ञानियों ने कहा कि धर्म की रक्षा के लिए गुरु अर्जुन देव जी ने शहादत दी। वे हंसते-हंसते शहीद हो गए लेकिन उन्होंने मुगलों के धर्म परिवर्तन की बात का स्वीकार नहीं किया। उन्होने कहा कि जुल्मी बादशाह जहागंीर जिसकी आन दांव पर थी जो पूरे हिंदुस्तान का धर्म परिवर्तन करना चाहता था। दूसरी तरफ गुरु अर्जुन देव जी जिनकी एक हां पर पूरे हिंदुस्तान की कहानी बदल सकती थी। मगर उन्होंने शहादत स्वीकार की लेकिन धर्म परिवर्तन नहीं। गुरु अर्जुन देव ने अनेक यातनाएं सहीं। गुरु अर्जन देव जी ने मई जून की गर्मी मे गर्म तवे पर बैठकर शहीद होना स्वीकार किया गर्म रेत उनके ऊपर डाली गई पर उन्होंने अपने सिद्धांतो से समझौता नहीं किया। देश धर्म की रक्षा की और शांति पुंज बनकर धैर्य का परिचय दिया। इस अवसर पर ठंडे मीठे जल की छबील लगाई गई। गुरु का लंगर अटूट बरताया गया। इस मौके पर सेवादार भाई राजेंद्र सिंह ,भोला सिंह, बख्तावर सिंह, भगत सिंह, गुरचरण सिंह ,बलराज सिंह, रमेश ,ढेरा सिंह एवं वेलफेयर सोसाइटी के सेवादारों ने तन मन धन से सेवाओं को निभाया। अंत में गुरुद्वारे साहिब के मुख्य सेवादार भाई जरनैल सिंह मुती सारी संगत का और सेवादारों का धन्यवाद किया और सिख इतिहास के प्रचार प्रसार के लिए जोऱ दिया।

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